सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि 76.3 घरों में पर्याप्त मात्रा में आयोडीनयुक्त नमक का प्रयोग किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार इस उत्साहवर्धक परिणाम को देखते हुए 90 प्रतिशत आबादी तक आयोडीन नमक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। आयोडीन नमक के सेवन में बढ़ोतरी से आयोडीन की कमी की वजह से होने वाले गंभीर रोगों से बचाने में मदद मिली है। मानव के लिए आयोडीन मानसिक और शारीरिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक है। आयोडीन की कमी से विकलांगता सहित कई विकारों का खतरा अधिक रहता है। सर्वेक्षण के अनुसार आयोडीन की कमी वाले क्षेत्रों में पैदा होने वाले बच्चों में आयोडीन पर्याप्त क्षेत्रों में जन्म लेने वालों की तुलना में 13.5 आईक्यू अंक तक कम होने की आशंका बनी रहती है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि इनमें से अधिकांश विकास नहीं दिखने वाले और अपरिवर्तनीय होते हैं, ङ्क्षकतु इन्हें रोका जा सकता है। इस समया को दूर करने के लिए भोजन में आयोडीन नमक का इस्तेमाल सबसे आसान और प्रभावी उपाय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुसार आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों को रोकने के लिए 150 यूजी दैनिक आयोडीन सेवन की जरूरत होती है। यह जरूरत घर में इस्तेमाल किए जाने वाले उस नमक से पाई जा सकती है यदि उसमें न्यूनतम आयोडीन 15 पीपीएम हो ।