खाट का मतलब नाका
गिरोह ने खाट को ही नाका बनाया हुआ है। तीनों जगह गिरोह के लोग खाट पर बैठते हैं और पत्थर भरकर लाने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों से 225-225 रुपए वसूलते हैं। कानोता और नायला रोड के नाके से गिरोह के लोग ट्रॉलियां गिनते हैं, आने-जाने वालों पर निगाह रखते हैं।
गिरोह ने खाट को ही नाका बनाया हुआ है। तीनों जगह गिरोह के लोग खाट पर बैठते हैं और पत्थर भरकर लाने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों से 225-225 रुपए वसूलते हैं। कानोता और नायला रोड के नाके से गिरोह के लोग ट्रॉलियां गिनते हैं, आने-जाने वालों पर निगाह रखते हैं।
सरगना का नाम जगमोहन
पत्रिका ने खाट पर बैठे युवक से पर्ची के बारे में पूछा गया तो एकबारगी वह हड़बड़ा गया। फिर बोला, सामने दुकान में बैठे युवक से पूछो। उस युवक से पूछा तो बोला, हम जगमोहन ठेकेदार के लिए काम करते हैं।
पत्रिका ने खाट पर बैठे युवक से पर्ची के बारे में पूछा गया तो एकबारगी वह हड़बड़ा गया। फिर बोला, सामने दुकान में बैठे युवक से पूछो। उस युवक से पूछा तो बोला, हम जगमोहन ठेकेदार के लिए काम करते हैं।
इन 3 जगह हैं हफ्तावसूली के नाके
पहला नाका: कानोता तिराहे पर
दूसरा नाका : नायला रोड पर
तीसरा नाका : हरध्यानपुरा गांव में चौक के बीचों-बीच पर्ची तो दी मगर नाम और तारीख की, पैसे लिखे ही नहीं
राजस्थान पत्रिका की टीम रविवार दोपहर 12.43 बजे हरध्यानपुरा में मौके पर पहुंची तो माजरा चौंकाने वाला था। गिरोह के लोग खाट पर बैठकर ट्रैक्टर ट्रॉलियों का इन्तजार कर रहे थे और चालकों से प्रति ट्रॉली 225 रुपए वसूलने में जुटे थे। इस दौरान पत्थर भरकर एक ट्रैक्टर ट्रॉली चालक हरध्यानपुरा की पहाड़ी से गांव की ओर जा रहा था। दस मिनट बाद उसने जैसे ही गांव में प्रेवश किया, वहां गिरोह के लोगों ने उसे रोक लिया। गिरोह का गुर्गा वहां खाट लगाकर बैठा था। उसने ट्रैक्टर ट्रॉली चालक से 225 रुपए लिए और बदले में एक पर्ची हाथ में थमा दी। पर्ची पर ट्रैक्टर ट्रॉली चालक का नाम, दिनांक और समय ही लिखा था। उससे वसूली गई राशि का पर्ची पर कोई जिक्र नहीं किया गया था। गिरोह ने इस हफ्तावसूली के लिए गांव के चौक में एक दुकान बाकायदा किराए पर ले रखी है। उसके सामने ही सड़क पर खाट डालकर गिरोह के लोग वसूली के लिए जमे रहते हैं। ट्रैक्टर ट्रॉली चालक इसे ‘हफ्तावसूली का नाका’ कहते हैं।
पहला नाका: कानोता तिराहे पर
दूसरा नाका : नायला रोड पर
तीसरा नाका : हरध्यानपुरा गांव में चौक के बीचों-बीच पर्ची तो दी मगर नाम और तारीख की, पैसे लिखे ही नहीं
राजस्थान पत्रिका की टीम रविवार दोपहर 12.43 बजे हरध्यानपुरा में मौके पर पहुंची तो माजरा चौंकाने वाला था। गिरोह के लोग खाट पर बैठकर ट्रैक्टर ट्रॉलियों का इन्तजार कर रहे थे और चालकों से प्रति ट्रॉली 225 रुपए वसूलने में जुटे थे। इस दौरान पत्थर भरकर एक ट्रैक्टर ट्रॉली चालक हरध्यानपुरा की पहाड़ी से गांव की ओर जा रहा था। दस मिनट बाद उसने जैसे ही गांव में प्रेवश किया, वहां गिरोह के लोगों ने उसे रोक लिया। गिरोह का गुर्गा वहां खाट लगाकर बैठा था। उसने ट्रैक्टर ट्रॉली चालक से 225 रुपए लिए और बदले में एक पर्ची हाथ में थमा दी। पर्ची पर ट्रैक्टर ट्रॉली चालक का नाम, दिनांक और समय ही लिखा था। उससे वसूली गई राशि का पर्ची पर कोई जिक्र नहीं किया गया था। गिरोह ने इस हफ्तावसूली के लिए गांव के चौक में एक दुकान बाकायदा किराए पर ले रखी है। उसके सामने ही सड़क पर खाट डालकर गिरोह के लोग वसूली के लिए जमे रहते हैं। ट्रैक्टर ट्रॉली चालक इसे ‘हफ्तावसूली का नाका’ कहते हैं।
खौफ ऐसा ट्रैक्टर चालक बोला: फोटो मत लो, नाम भी मत छापना
पत्रिका टीम ने एक ट्रैक्टर ट्रॉली चालक से पर्ची के बारे में पूछा तो वह सहम गया। फोटो लेने से मना कर दिया। बोला, यह तो रोजाना का काम है साहब, पेट पालें या इनसे पंगा लें। उसने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि रोजाना पत्थर भरकर 70 से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉलियां गुजरती हैं। प्रत्येक से यह गिरोह 225 रुपए वसूलता है। यानी हर महीने लगभग 5 लाख रुपए। मारपीट के डर से कोई भी चालक विरोध नहीं करता।
पत्रिका टीम ने एक ट्रैक्टर ट्रॉली चालक से पर्ची के बारे में पूछा तो वह सहम गया। फोटो लेने से मना कर दिया। बोला, यह तो रोजाना का काम है साहब, पेट पालें या इनसे पंगा लें। उसने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि रोजाना पत्थर भरकर 70 से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉलियां गुजरती हैं। प्रत्येक से यह गिरोह 225 रुपए वसूलता है। यानी हर महीने लगभग 5 लाख रुपए। मारपीट के डर से कोई भी चालक विरोध नहीं करता।
खनन भी अवैध, जिम्मेदार मौन
स्थानीय लोगों का कहना था कि हफ्तावसूली के साथ यहां लम्बे समय से अवैध खनन भी हो रहा है लेकिन रोकने वाला कोई नहीं है। हरध्यानपुरा के पहाड़ से दिन-रात अवैध खनन कर पत्थर ले जाया जा रहा है। पहाड़ का एक हिस्सा तो खत्म हो चुका है।
स्थानीय लोगों का कहना था कि हफ्तावसूली के साथ यहां लम्बे समय से अवैध खनन भी हो रहा है लेकिन रोकने वाला कोई नहीं है। हरध्यानपुरा के पहाड़ से दिन-रात अवैध खनन कर पत्थर ले जाया जा रहा है। पहाड़ का एक हिस्सा तो खत्म हो चुका है।
शाम को ले जाता है पैसे
दुकान पर बैठे युवक का कहरा था कि जगमोहन ठेकेदार रोजाना शाम को आता है और हमसे पैसे इक_े कर ले जाता है। जगमोहन के बारे में ज्यादा पूछा तो दोनों युवक भड़क गए। ज्यादा कुछ नहीं बताया।
दुकान पर बैठे युवक का कहरा था कि जगमोहन ठेकेदार रोजाना शाम को आता है और हमसे पैसे इक_े कर ले जाता है। जगमोहन के बारे में ज्यादा पूछा तो दोनों युवक भड़क गए। ज्यादा कुछ नहीं बताया।
गिरोह कर रहा इतनी वसूली
70 से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रॉली निकलती हैं रोजाना पत्थर भरकर
225 रुपए वसूले जा रहे हैं हर ट्रैक्टर ट्रॉली से
15 हजार रुपए से ज्यादा वसूले जा रहे हैं रोजाना
05 लाख रुपए हर माह वसूल रहा है गिरोह
70 से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रॉली निकलती हैं रोजाना पत्थर भरकर
225 रुपए वसूले जा रहे हैं हर ट्रैक्टर ट्रॉली से
15 हजार रुपए से ज्यादा वसूले जा रहे हैं रोजाना
05 लाख रुपए हर माह वसूल रहा है गिरोह