एेसे में अफसरों ने अवैध इमारत भी बचा ली और नोटिस जारी करने का तर्क देकर खुद के बचने की गली भी तलाश ली। मामला खुला तो गलती होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया गया। ऐसे मामले इमली फाटक से टोंक फाटक रोड पर, राजापार्क व अन्य इलाकों में सामने आए हैं।
गली निकालकर दे रहे संरक्षण, खेल ऐसा कि खुद को भी बचा रहे और अवैध निर्माणों को भी भूखंड 10 के बजाय 9 पर भेजा नोटिस घटना01 इमली फाटक से टोंक फाटक की ओर (रेलवे लाइन के पास) पर गणेश कॉलोनी में भूखंड 10 पर अवैध तरीके से इमारत खड़ी कर ली गई। शिकायत हुई तो नोटिस तैयार हुआ और भेज भी दिया, लेकिन पता ही गलत लिखा गया। नोटिस पर भूखंड संख्या 9 अंकित कर दिया। दो बार नोटिस पहुंचे, लेकिन पड़ोस के पते पर, जहां दो दुकानें पहले से ही सील हैं।
कॉम्पलेक्स खड़े कर दिए
कॉम्पलेक्स खड़े कर दिए
घटना02 राजापार्क में गली नं. 2 में पार्षद कार्यालय के ठीक पास में चार जगह कॉम्पलेक्स खड़े कर दिए गए। रातों—रात रंग-रोगन का काम हो गया। जोन उपायुक्त को इसकी जानकारी है लेकिन बचाने के लिए चुप्पी साध ली। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया। नतीजा, गुजरना तक दूभर हो गया।
सिर्फ नोटिस जारी होते रहे
सिर्फ नोटिस जारी होते रहे
घटना03 भूखंड संख्या 21, जनकपुरी प्रथम का मामला निगम के सिविल लाइन जोन पहुंचा। जोन ने फिर मनमानी करते हुए नोटिस जारी किए, लेकिन गलत जगह पहुंचाया जाता रहा। नोटिस जारी होते गए और 5 मंजिला इमारत खड़ी होती गई। इसकी जानकारी उपायुक्त को भी है, लेकिन कार्रवाई की बजाय बचाने में जुटे हुए हैं।
जिम्मेदार अधिकारी अशोक योगी (उपायुक्त—मोती डूंगरी जोन) व रामरतन शर्मा (उपायुक्त—सिविल लाइन्स जोन)