डॉ. शिवम् शर्मा ने बताया कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) नींद से जुड़ा एक ब्रीदिंग डिसऑर्डर है। इस बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति की नींद में सांस रुक जाती है और उसे पता भी नहीं चलता। नींद में सांस रुकने की ये समस्या कुछ सेकंड्स से लेकर कुछ मिनट तक हो सकती है। यह बीमारी ज्यादातर मोटे लोगों में होती है और सही जानकारी का आभाव होने के कारण अकसर इसका इलाज नहीं हो पाता। स्थिति गंभीर होने के बाद इस बीमारी के कारण हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, अनियमित धड़कन, डायबिटीजजैसी बीमारियां हो सकती हैं। जो मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। मरीज की नाक में मौजूद सेप्टम में खराबी थी। गले में टॉन्सिल थे और तालू बहुत कमजोर था। उनके लेटने पर तालू पीछे की ओर गिर जाता था। जिसके कारण नींद में उनकी सांस रुक जाती थी एव उन्हें बहुत समस्या होती थी।
डॉ. राहुल नाहर ने बताया कि हमने ऑपरेशन का निर्णय लेने से पहले पेशेंट की स्लीप एंडोस्कोपी की। एनेस्थीसिया टीम की मदद से पेशेंट को दवाइयों द्वारा सामान्य निद्रा में लाया गया। इसके बाद सर्जरी की गई।