कुम्भलगढ़ के पास वैरों का मठ से निकली यह बनास नदी नाथद्वारा, कंकरोली, राजसमंद और भीलवाड़ा जिले में बहती हुई टोंक जिले के बीसलपुर बांध में जाकर मिलती है। इससे पहले बीगोद के निकट त्रिवेणी संगम पर चित्तौडगढ़़ की बेड़च व गंभीरी नदी भी मिलती है। बीसलपुर से निकलकर बनास सवाईमाधोपुर के बाद रामेश्वरम् के नजदीक चंबल में मिलती है। बनास की कुल लंबाई लगभग 480 किलोमीटर है। बीसलपुर बांध में 70 प्रतिशत पानी भीलवाड़ा जिले से जाता है। 15 अगस्त के दिन बीसलपुर का गेज 310.50 मीटर था, जो अब छलकने का आतुर है।
70 प्रतिशत भीलवाड़ा का हक फिर भी नहीं मिला था पानी
वस्त्रनगरी लम्बे समय से पेयजल संकट से जूझती रही है। इसके निराकरण के लिए शहर के लोग बीसलपुर से पानी की मांग करते रहे, लेकिन नसीब नहीं हो सका। हालांकि बीसलपुर बांध के पानी की ट्रेन नसीराबाद से भीलवाड़ा आती थी। इसके बाद कंकरोलिया घाटी से भीलवाड़ा पानी लाया गया। अब चम्बल नदी का पानी मिलने से पेयजल समस्या का समाधान हो सका है।
महादेव का महादेव को जलाभिषेक बीगोद के निकट त्रिवेणी में महादेव का जलाभिषेक कर निकलता त्रिवेणी नदी का पानी बीसलपुर स्थित बीसलदेव एवं गोकर्णेश्वर महादेव का अभिषेक करता है। त्रिवेणी संगम स्थित मंदिर जलमग्न होने और महादेव प्रतिमाएं डूबने के साथ ही बीसलपुर में पानी जाने की आस बढ़ जाती है।