पांच प्रतिशत आरक्षण को चुनौती देने के लिए अरविन्द शर्मा व बादल वर्मा की ओर से याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि 5 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के कारण प्रदेश में कुल आरक्षण का आंकड़ा 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है, जिस कारण पहले भी हाईकोर्ट इस तरह के आरक्षण को रद्द कर चुका है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अति पिछड़ा वर्ग को पांच प्रतिशत और केन्द्र सरकार के संविधान संशोधन के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इससे प्रदेश में कुल आरक्षण 64 प्रतिशत हो गया है।
9 दिन चला था आंदोलन
गौरतलब है कि फरवरी में 9 दिन तक जारी गुर्जर आरक्षण आंदोलन चला था। राज्य सरकार की ओर से दिए पांच सूत्री ड्राफ्ट पर सहमति के बाद 16 फरवरी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग स्थित मकसूदनपुरा अंडरपास रेलवे ट्रेक पर आंदोलन समाप्ति की घोषणा की थी। इस आंदोलन के चलते रेल और सड़क मार्ग काफी बाधित हुआ था। जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
गौरतलब है कि फरवरी में 9 दिन तक जारी गुर्जर आरक्षण आंदोलन चला था। राज्य सरकार की ओर से दिए पांच सूत्री ड्राफ्ट पर सहमति के बाद 16 फरवरी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग स्थित मकसूदनपुरा अंडरपास रेलवे ट्रेक पर आंदोलन समाप्ति की घोषणा की थी। इस आंदोलन के चलते रेल और सड़क मार्ग काफी बाधित हुआ था। जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
इन बिन्दुओं पर दी लिखित सहमति
– सरकार की ओर से 5 फीसदी आरक्षण विधेयक 2019 मूल पिछड़ा वर्ग विधयेक 2017 पासकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
– बंजारा बालदिया, लबाना, गाडिया लुहार, गाडोलिया, गुर्जर, गूजर, रायका, रैबारी, देवासी,गडरिया, गाडरी, गायरीको आरक्षण का लाभ मिलेगा। कानूनी बाधा पर सरकार यथाशीघ्र समाधान कराएगी।
– आरक्षण आंदोलन के दौरान (2006-2019) दर्ज हुए मुकदमों को निस्तारण किया जाएगा।
– अजा-जजा की विकास योजनाओं व देवनारायण योजना को सुदृढ़ किया जाएगा। कमियों को दूर करेंगे।
– अब तक के समझौतों के सभी बिन्दुओं की पालना समय सीमा में सुनिश्चित होगी। इसके लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।
– सरकार की ओर से 5 फीसदी आरक्षण विधेयक 2019 मूल पिछड़ा वर्ग विधयेक 2017 पासकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
– बंजारा बालदिया, लबाना, गाडिया लुहार, गाडोलिया, गुर्जर, गूजर, रायका, रैबारी, देवासी,गडरिया, गाडरी, गायरीको आरक्षण का लाभ मिलेगा। कानूनी बाधा पर सरकार यथाशीघ्र समाधान कराएगी।
– आरक्षण आंदोलन के दौरान (2006-2019) दर्ज हुए मुकदमों को निस्तारण किया जाएगा।
– अजा-जजा की विकास योजनाओं व देवनारायण योजना को सुदृढ़ किया जाएगा। कमियों को दूर करेंगे।
– अब तक के समझौतों के सभी बिन्दुओं की पालना समय सीमा में सुनिश्चित होगी। इसके लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।