विभागीय सूत्रों के अनुसार तीनों फर्मों पर जीएसटी चोरी का मामला दर्ज हुआ है। गौरतलब है कि बस व ट्रक बॉडी पर 28 व 18 फीसदी जीएसटी दरें लागू हैं, जिनमें कम्लीट बॉडी पर 28 और चेचिस पर 18 फीसदी की दर लागू है। ये फर्में केवल 18 फीसदी जीएसटी की दरें लेखा-पुस्तकों पर दर्शा रही थीं और पूरी बॉडी के निर्माण पर जीएसटी नहीं चुका रही थीं। जीएसटी चोरी की रकम का खुलासा बुधवार शाम तक होने की संभावना है।
3.50 करोड़ की कर चोरी
उधर, राज्य में राजस्व अपवंचना के मामलों में निगरानी रखने वाली एजेंसी राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय ने बड़ी कार्यवाही कर महला स्थित निजी विश्वविद्यालय में जीएसटी की अपवंचना उजागर की है। निदेशालय की टीम ने लगभग 3.50 करोड़ की जीएसटी अपवंचना का खुलासा किया है। इस निजी विश्वविद्यालय द्वारा आयुर्वेदिक, होम्योपैथी सहित विभिन्न कोर्सेस हेतु डिग्री प्रदान की जाती है। इस हेतु परिसर में विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा के साथ मैस सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाती है तथा इस सुविधा के लिए विद्यार्थियों से भुगतान प्राप्त किया जा रहा था। निदेशालय की टीम ने जांच में पाया कि इस निजी विश्वविद्यालय द्वारा जीएसटी लागू होने के पश्चात उपलब्ध करवाई जा रही मैस सुविधा पर जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया है। निदेशालय के अधिकारियों द्वारा आरम्भिक गणना कर लगभग 3.50 करोड़ की राशि पर कर वसूलने जाने का नोटिस तैयार किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि एसडीआरआई द्वारा राज्य में इस क्षेत्र में हो रही करापवंचना को सर्वप्रथम उजागर किया था तथा पूर्व में जयपुर जिले के जोबनेर स्थित एक शैक्षणिक संस्थान के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 2.10 करोड़ पर जीएसटी अपवंचना उजागर की थी।
उधर, राज्य में राजस्व अपवंचना के मामलों में निगरानी रखने वाली एजेंसी राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय ने बड़ी कार्यवाही कर महला स्थित निजी विश्वविद्यालय में जीएसटी की अपवंचना उजागर की है। निदेशालय की टीम ने लगभग 3.50 करोड़ की जीएसटी अपवंचना का खुलासा किया है। इस निजी विश्वविद्यालय द्वारा आयुर्वेदिक, होम्योपैथी सहित विभिन्न कोर्सेस हेतु डिग्री प्रदान की जाती है। इस हेतु परिसर में विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा के साथ मैस सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाती है तथा इस सुविधा के लिए विद्यार्थियों से भुगतान प्राप्त किया जा रहा था। निदेशालय की टीम ने जांच में पाया कि इस निजी विश्वविद्यालय द्वारा जीएसटी लागू होने के पश्चात उपलब्ध करवाई जा रही मैस सुविधा पर जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया है। निदेशालय के अधिकारियों द्वारा आरम्भिक गणना कर लगभग 3.50 करोड़ की राशि पर कर वसूलने जाने का नोटिस तैयार किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि एसडीआरआई द्वारा राज्य में इस क्षेत्र में हो रही करापवंचना को सर्वप्रथम उजागर किया था तथा पूर्व में जयपुर जिले के जोबनेर स्थित एक शैक्षणिक संस्थान के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 2.10 करोड़ पर जीएसटी अपवंचना उजागर की थी।