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35 हजार करोड़ रुपए से घटकर 20 हजार करोड़ हुआ कारोबार

locationजयपुरPublished: Sep 13, 2018 08:07:25 pm

Submitted by:

Veejay Chaudhary

राजस्थान में वृद्धि दर पांच साल के निचले स्तर पर

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35 हजार करोड़ रुपए से घटकर 20 हजार करोड़ हुआ कारोबार

जगमोहन शर्मा. जयपुर

प्रदेश के उद्योग जगत को जीएसटी लागू होने के एक साल बाद भी राहत नहीं मिली है। जहां लघु एवं मझौले उद्योगों पर बंद होने का खतरा ज्यों का त्यों बना हुआ है वहीं पारंपरिक उद्योगों की वृद्धि दर पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है।
गत एक वर्ष में राज्य का कारोबार आधे से कम रह गया है। आंकड़ों के अनुसार जीएसटी से पूर्व राज्य में हर माह ३५ हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता था, जो अब घटकर 35 हजार से 20 हजार करोड़ का रह गया है।
दूर नहीं हुईं समस्याएं
जीएसटी के लागू हुए सालभर हो गया है। इसमें कई संशोधन हो चुके हैं। इसमें ज्यादा दिक्कत छोटे और मझौले कारोबारियों को हो रही है। छोटे व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी की वजह से उनका व्यापार चौपट हो रहा है। अधिकांश समय इसकी खानापूर्ति में लग जाता है और खर्च का बोझ भी बढ़ गया है।
मार्बल: 70 फीसदी तक गिरावट
जीएसटी के बाद से अजमेर, किशनगढ़, मकराना, नागौर तथा राजसमंद के मार्बल कारोबारियों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। केंद्र सरकार ने उद्योग को राहत देने के लिए मार्बल पर 28 प्रतिशत जीएसटी को 18 प्रतिशत और कोटा स्टोन पर 18 फीसदी से दस फीसदी कर दिया था, लेकिन फिर भी बाजार मंदा है।
ज्वैलरी सेक्टर: 60 फीसदी की गिरावट
जीएसटी से पहले ज्वैलरी में राजस्थान में रोजाना करीब 60 करोड़ रुपए का कारोबार होता था, जो अब घटकर 25 करोड़ से 30 करोड़ रुपए मात्र रह गया। तीन फीसदी जीएसटी लगने से सोने की कीमतें बढ़ी हैं, जबकि पहले टैक्स मात्र एक फीसदी था।
हैंडीक्राफ्ट: 50 फीसदी रह गया निर्यात
राज्य के हैंडीक्राफ्ट एक्सपोटर््र्स का जीएसटी रिफंड लगातार अटकता जा रहा है। अभी करीब 450 करोड़ रुपए का रिफंड अटका हुआ है। इससे निर्यातकों की वर्किंग कैपिटल ब्लॉक हो गई है। कई निर्यातक ऑर्डर पूरा नहीं कर पार रहे हैं। गत एक वर्ष में निर्यात में 50 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आई है।
सीमेंट: बिक्री 30 फीसदी घटी
जीएसटी लागू होने के बाद सीमेंट की बिक्री में 30 फीसदी तक गिरावट आई है। उद्योग की ओर से मौजूदा दर 28 से घटाकर 18 फीसदी करने का दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन सरकार का तर्क इससे सरकार के राजस्व में ३००० करोड़ रुपए की कमी आएगी।
शुरुआती मुश्किलों के बाद अब राजस्थान के कारोबारियों को जीएसटी रास आने लगा है, जिसका उदाहरण है राज्य का टैक्स कलेक्शन बढऩा। केंद्र ने राज्य के प्रमुख उद्योग हैंडीक्राफ्ट, कपड़ा, मार्बल आदि पर जीएसटी की दरों को रिवाइज कर कम किया है, जिससे ये उद्योग पटरी पर लौटने लगे हैं।
-अनिल साबू, अध्यक्ष सीआइआइ (राजस्थान)

व्यापारियों की कार्यशील पूंजी में 35 फीसदी तक की कमी आई है और रियल एस्टेट में तो यह आंकड़ा ५० फीसदी तक गिर गया है। राज्य के कारोबारियों का टर्नओवर तो गिरा ही है, साथ ही संपत्ति की वैल्यू भी २५ फीसदी तक नीचे आई है।
सीए विजय गर्ग, महामंत्री, फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री

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