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गवर्नर का PS बताने वाला शख्स अरेस्ट, कमिश्नर तक पहुंच बताकर नौकरी लगाने का देता था झांसा

locationजयपुरPublished: Sep 30, 2018 07:07:59 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

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governor fake ps arrested in jaipur rajasthan crime
जयपुर।

जयपुर की बजाज नगर थाना पुलिस ने राजस्थान के गवर्नर का पीएस बताने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी नीरज कुमार वैष्णव (18) हिण्डौन सिटी करौली हाल शिव शक्ति नगर मॉडल टाउन मालवीय नगर का रहने वाला है।
पुलिस ने बताया कि 28 सितंबर को बजाज नगर के थानाधिकारी कार्यालय में एक व्यक्ति ने खुद को गवर्नर का पीएस होने का परिचय देते हुए कहा कि वह उन्हें अच्‍छे थाने मे लगवा देगा। मेरी पुलिस आयुक्‍त से अच्‍छी जान पहचान है। नीरज की कार में पीछे लाल रंग में राजस्थान सरकार लिखा था।
चालक से नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम प्रभुनारायण मीणा (28) सुजानपुरा बस्‍सी का बताया। उसने बताया कि नीरज शर्मा ने मुझे बताया था कि मैं राजभवन मे प्रशासनिक अधिकारी हूं। मुझे गाडी किराये पर चाहिए। नीरज शर्मा ने मेरी गाडी पर लाल रंग से राजस्‍थान सरकार लिखवाया और दिनांक 15 सिंतबर से प्रति दिन किराये पर ली थी।
नीरज ने अपने आप को 2015 मे 11वीं पास करना बताया। और 12 वीं दो बार फेल होना बताया। नीरज ने अपने आप को गवर्नर साहब का पीएस बताकर अपनी नानी रुकमणी देवी का इलाज एसएमएस अस्‍पताल मे करीब 20 दिन पहले करवाया था। उसके पास फिरोज खान की ओर से राज्‍यपाल महोदय राजस्‍थान के नाम लिखा प्रार्थना पत्र, एक वितमंत्री महोदय अरुण जेटली भारत सरकार के नाम प्रार्थना पत्र बिना नाम व हस्‍ताक्षर का और एक पर्ची टेलीफोन नम्बर लिखे हुए मिले।

… इधर, हाईकोर्ट ने ठगी के आरोपी को नहीें दी जमानत
जयपुर महानगर के एडीजे क्रम संख्या-9 ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के मामले में गंगापुर निवासी अशोक सेन की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
अपर लोक अभियोजक सुरेंद्र सिंह राजावत ने बताया कि परिवादी हितेश सिंह सिसोदिया ने पुलिस थाना भांकरोटा में मामला दर्ज कराया, जिसमें कहा कि वह मर्चेंट नेवी में रुचि रखने वाले छात्रों को 4 महीने की ट्रेनिंग देते हैं जनवरी 2017 में अभियुक्त परिवादी की फर्म पर आए और स्वयं को एक कंपनी का डायरेक्टर बताया तथा लाइसेंस भी दिखाया। साथ ही, कहा कि वह मर्चेंट नेवी में ट्रेंड लड़कों को नौकरी लगवाते हैं इस पर 12 सदस्यों ने 4 -4 लाख रुपए अभियुक्त को दे दिए।
अभियुक्त ने इन लड़कों को दुबई भेजा, लेकिन पुराने जहाज पर लगा दिया और वहां खाने-पीने और रहने की कोई व्यवस्था भी नहीं थी। बाद में आरोपी ने 42 लाख रुपए का चेक दे दिया जो बाउंस हो गया। न्यायालय ने इस मामले में कहा कि आरोपी की वजह से छात्रों को नौकरी की जगह नारकीय जीवन जीना पड़ा।
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