देवरी गोपालपुरा : रा. उच्च माध्यमिक विद्यालय
स्कूल में 10-15 किमी दूर से बच्चे पढऩे आ रहे हैं। जहां पहले करीब 425 बच्चे थे, अब बढ़कर आठ सौ से अधिक हो गए हैं। इस साल प्रवेश के लिए नेताओं ने अनुशंसा तक भेजी। सीटें भरने पर करीब 150 बच्चों को आसपास के स्कूलों में भेजा गया। स्कूल में प्राथमिक सेक्शन में बच्चों के लिए रंग-बिरंगी कुर्सियां-मेज लगवाई हुई हैं। प्रिंसिपल सुनील कुमार सिंघल ने बताया कि स्कूल में वोकेशनल ट्रेनिंग भी दी जा रही है। रिजल्ट लगभग सौ फीसदी रहता है।
स्कूल में 10-15 किमी दूर से बच्चे पढऩे आ रहे हैं। जहां पहले करीब 425 बच्चे थे, अब बढ़कर आठ सौ से अधिक हो गए हैं। इस साल प्रवेश के लिए नेताओं ने अनुशंसा तक भेजी। सीटें भरने पर करीब 150 बच्चों को आसपास के स्कूलों में भेजा गया। स्कूल में प्राथमिक सेक्शन में बच्चों के लिए रंग-बिरंगी कुर्सियां-मेज लगवाई हुई हैं। प्रिंसिपल सुनील कुमार सिंघल ने बताया कि स्कूल में वोकेशनल ट्रेनिंग भी दी जा रही है। रिजल्ट लगभग सौ फीसदी रहता है।
दरबार कॉलोनी : रा. उच्च माध्यमिक विद्यालय
स्कूल में 120 बच्चों का नामांकन है। दो कमरों के स्कूल में फर्नीचर के नाम पर केवल दरी-पट्टी है। छत पक्की नहीं है और फाइबर की शीट लगाई थी, जिसे शरारती तत्वों ने तोड़ दिया। अब इसमें से धूप, बारिश अंदर आते हैं। दो पंखे थे, वे भी चोरी हो गए। बच्चे गर्मी में ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। सीमेंट की जालियां तोड़ दी थी। इसीलिए ईंट-सीमेंट से दीवार खड़ी कर दी गई अब इससे हवा भी बंद हो गई। गर्मी में ही बच्चों को बैठना पड़ रहा है।
स्कूल में 120 बच्चों का नामांकन है। दो कमरों के स्कूल में फर्नीचर के नाम पर केवल दरी-पट्टी है। छत पक्की नहीं है और फाइबर की शीट लगाई थी, जिसे शरारती तत्वों ने तोड़ दिया। अब इसमें से धूप, बारिश अंदर आते हैं। दो पंखे थे, वे भी चोरी हो गए। बच्चे गर्मी में ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। सीमेंट की जालियां तोड़ दी थी। इसीलिए ईंट-सीमेंट से दीवार खड़ी कर दी गई अब इससे हवा भी बंद हो गई। गर्मी में ही बच्चों को बैठना पड़ रहा है।
ईदगाह: रा. उच्च माध्यमिक विद्यालय
प्राथमिक स्कूल में केवल दो कमरे हैं। पहली से पांचवीं तक होने से एक कक्षा बाहर लगती है। वहीं पास में नाला है, बाउंड्री वॉल भी नहीं है, बदबू के बीच बच्चे पढऩे को मजबूर हैं। छात्राओं का शौचालय शरारती तत्वों ने तोड़ दिए, वहां पत्थर व शराब की बोतलें डाल दी। शिक्षकों ने मिलकर गेट लगवाया था। उसे भी तोड़ दिया। शिक्षकों ने बताया कि कई बार पार्षद को नाला बंद करवाने व बाउंड्री वॉल बनवाने के लिए कहा है। मगर जनप्रतिनिधि व विभाग दोनों आंखे मूंदे बैठे हैं।
प्राथमिक स्कूल में केवल दो कमरे हैं। पहली से पांचवीं तक होने से एक कक्षा बाहर लगती है। वहीं पास में नाला है, बाउंड्री वॉल भी नहीं है, बदबू के बीच बच्चे पढऩे को मजबूर हैं। छात्राओं का शौचालय शरारती तत्वों ने तोड़ दिए, वहां पत्थर व शराब की बोतलें डाल दी। शिक्षकों ने मिलकर गेट लगवाया था। उसे भी तोड़ दिया। शिक्षकों ने बताया कि कई बार पार्षद को नाला बंद करवाने व बाउंड्री वॉल बनवाने के लिए कहा है। मगर जनप्रतिनिधि व विभाग दोनों आंखे मूंदे बैठे हैं।