उन्होंने कहा कि किसान की आय में वृद्धि तभी संभव है जब किसान को जिस कार्य योजना के तहत ऋण दिया जा रहा है, उसका उपयोग उसी के अनुसार हो। उन्होंने कहा कि इससे किसान की आय में वास्तविक वृद्धि संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करते हुये आवश्यक संसाधनों के लिये ऋण मुहैया कराया जायेगा।
रजिस्ट्रार ने कहा कि हमें किसानों के हित में और कृषि का विकास करने के लिये कदम उठाने चाहिये। इसके लिये उनको कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। उन्होंने निर्देश दिए कि बैंकों को किसानों की कार्ययोजना ( work plan ) की जांच कर सही ऋणी की पहचान कर ऋण वितरण करना होगा ताकि बैंक ऋण वितरण चक्र ( loan distribution system ) को तेजी से घुमाते हुये किसानों को राहत प्रदान की जा सके।
इस खास बैठक में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) जी एल स्वामी, SLDB के प्रबंध निदेशक राजीव लोचन, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (मोनेटरिंग) दुर्गा लाल बलाई, महाप्रबंधक एसएलडीबी नवीन शर्मा के अलावा नागौर, बालोतरा, बिलाड़ा, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, हनुमानगढ़, रायसिंहनगर, श्रीगंगानगर, चित्तौडगढ़ एवं राजसमन्द सहकारी भूमि विकास बैंकों के सचिव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।