तीन विधायकों की सक्रियता रही सबसे कम पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (
Vasundhara Raje ) शुरुआत के दिन तो सदन में आईं, लेकिन इसके बाद वे विदेश चली गई। इस वजह से वे सदन में उपस्थित नहीं रही। सूत्रों ने बताया कि पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी ( Hemaram Chaudhary ) भी बजट सत्र में सिर्फ तीन-चार बार ही सदन में आए। बताया जा रहा है कि वे इस बात से नाराज हैं कि उनको मंत्रिमंडल गठन में जगह नहीं मिली। हेमाराम इस सदन के सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक हैं। इसी तरह भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी (
sidhi kumari ) भी सदन में नहीं दिखीं। वे एक दिन इस सत्र में सदन में आई थीं। इसके बाद सदन में नहीं दिखीं।
श्मशान पर बना है विधानसभा भवन
विधानसभा में भूत-प्रेत का साया है। भाजपा सरकार के समय भी इन बातों का काफी जोर रहा था। उस समय भाजपा विधायकों ने बाकायदा भूत-प्रेत का साया हटाने के लिए विधानसभा में यज्ञ करवाने की वसुंधरा राजे से मांग भी की थी। वहीं कालूलाल गुर्जर ने कहा था कि इस विधानसभा पर बुरी आत्माओं का साया है। इस वजह से यहां कभी भी 200 विधायक एक साथ नहीं रह पाते। गुर्जर ने कहा था कि शुरु से ही इस विधानसभा में दिक्कतें रही हैं। विधानसभा की बिल्डिंग किसी श्मशान या कब्रिस्तान के ऊपर बना है इस वजह से ऐसा हो रहा है।