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करारी हार के बाद दबाव में गहलोत सरकार, अब खड़ी हुई पहाड़ जैसी चुनौती..

locationजयपुरPublished: May 27, 2019 11:33:16 am

Submitted by:

abdul bari

परिणाम अगर मंत्री पद कायम रखने का पैमाना है तो राज्य के सिर्फ दो मंत्री सेफ जोन में हैं।

जयपुर.
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राज्य सरकार दबाव में आ गई है। आने वाले महीनों में स्थानीय निकाय और पंचायत के चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार के सामने फिर से नए सिरे से योजनाओं का खाका खींचने की चुनौती खड़ी हो गई है।
पांच महीने पहले राज्य में कांग्रेस ने वापसी की। इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में कांग्रेस को जनता ने नकार दिया। परिणाम आने के बाद से सरकार सुस्त पड़ी है। कहीं किसी को समझ नहीं आ रहा कि जनता को खुश करने के लिए क्या किया जाए। सरकार के पाइप लाइन में पड़े प्रस्तावों पर भी फिलहाल अफसरों ने चुप्पी साध ली है। वहीं मंत्री अपनी कुर्सी बचाने में लग गए हैं।
निकाय और पंचायत चुनाव पहाड़ जैसी चुनौती
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की शहरी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में हालत खराब हुई है। ऐसे में कुछ महीने बाद हो रहे स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव कांग्रेस के लिए पहाड़ पर चढ़ाई जैसी चुनौती साबित हो सकती है। सरकार पर शहरी और ग्रामीण मतदाताओं को खुश करने के लिए सीमित समय है। राजनीति विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को अब सियासी दांवपेच छोडकऱ आम जनता को जोडऩे वाली योजनाओं को लागू करवाना होगा। अब योजनाओं को लागू करवाने के दौरान कांग्रेस को धर्म, जाति, अगड़े-पिछड़े जैसे शब्दों से बचना होगा।

सचिवालय में नहीं है चहल-पहल
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से सचिवालय में चहल-पहल बेहद कम दिखाई दे रही है। अमूमन रविवार के दिन भी सचिवालय में काम होता रहा है। परिणाम के बाद के रविवार को कोई भी विभाग नहीं खुला। वहीं हार के चलते मंत्री भी सचिवालय नहीं पहुंच रहे हैं।
सिर्फ दो मंत्री ‘सेफ’ जोन में
परिणाम अगर मंत्री पद कायम रखने का पैमाना है तो राज्य के सिर्फ दो मंत्री सेफ जोन में हैं। जबकि शेष सभी डेंजर जोन में चले गए हैं। यही वजह है कि परिणाम आने के बाद मंत्रियों ने भी चुप्पी साध रखी है।
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