हैड कांस्टेबल दशरथ कुमार की सूझबूझ से बड़ा हादसा टला। सूचना पर मौके पर रेलवे इंजीनियर ने पहुंचकर लाइन को दुरूस्त किया। रेलवे सुरक्षा बल के जवान भी मौके पर पहुंच गए। बाद में टे्रक की मरम्मत का कार्य शुरू हुआ। फ्रेक्चर बड़ा होने के कारण रेल प्रशासन को नई पटरी लगानी पड़ी। फ्रेक्चर के बाद ट्रैक सुचारू होने पर रेलवे ने यहां से ट्रेनों को धीमी गति से निकाला गया। रेलवे नॉर्थ के सीनियर सेक्शन इंजीनियर विनीत शर्मा ने बताया कि रात्रि में 1.30 बजे लाइन में करीब 230 एमएम का फे्रक्चर हो गया था, राजधानी एक्सप्रेस को डेढ़ घण्टे तक मेन लाइन पर खड़ी रखा गया। इस पर से ट्रेन गुजरती तो यहां हादसा हो सकता था।