पत्रिका संवाददाता ने अस्पताल में ही बने दवा काउंटर पर डॉक्टर की उपलब्धता के बारे में सवाल किया तो जवाब मिला कि यहां कोई डॉक्टर इस समय नहीं है, जीका की सर्वे टीम में है, 15 दिन हो गए, आप वो बोर्ड पढ़ लीजिए।
5 नए मरीज, अब संख्या हुई 130 जीका वायरस के मंगलवार को पांच नए पॉजीटिव मरीज पाए गए हैं। इन्हें मिलाकर अब कुल संख्या 130 हो गई है। चिकित्सा विभाग के अनुसार इनमे से 117 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। विभाग की ओर से इस समसय 330 टीमे घर-घर जाकर सर्वे करने के साथ ही एंटीलार्वा कार्यवाही कर रही है। करीब डेढ़ लाख से अधिक घरों का सर्वे कर करीब तीन लाख से अधिक कंटेनर्स में एंटिलार्वा कार्यवाही की गई है।
हर बुखार में जीका की जांच आवश्यक नहीं एसएमएस के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ रमन शर्मा के अनुसार हर बुखार में जीका की जांच आवश्यक नहीं है। केवल चिकित्सक के परामर्श पर ही जांच कराने की आवश्यकता है। जीका प्रभावित सामान्यत: 3 से 7 दिन में जीका के लक्षण से मुक्त हो जाता है। जीका से किसी की मौत नही होती और न ही मरीज को भर्ती कराने की आवश्यकता है। जीका प्रभावित कोई भी व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार नही है।
आज वार्ड 24, 27 और 79 में होगी फोगिंग शहर में जीका, डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों में नगर निगम की ओर से बुधवार को वार्ड नंबर 24, 27 और 79 के समस्त कॉलोनियों व बस्ती क्षेत्रों में फोगिंग की जाएगी। फोगिंग वाले क्षेत्रों के नागरिकों से अपील की गई है कि फोगिंग के दौरान अपने घर, दुकानों, प्रतिष्ठानों के खिड़की व दरवाजों को खुला रखें। खाने-पीने की वस्तुओं को ढककर रखें एवं अस्थमा रोगियों को फोगिंग के धुंए से दूर रखें। वार्ड 24 और 79 के सभी क्षेत्रों में प्रात: 6.30 से 9 बजे तक और सायं 5 बजे से 7 बजे तक एवं वार्ड 27 के सभी क्षेत्रों में सायं 5 बजे से 7 बजे तक की अवधि में फोगिंग की जाएगी।
ग्रामीणा क्षेत्रों में भी चलेगा जागरूकता कार्यक्रम निरामया कार्यक्रम के तहत 24 अक्टूबर को प्रदेश के 7 जिलों अजमेर, बीकानेर, जयपुर, कोटा, झालावाड, जोधपुर एवं उदयपुर के चिन्ह्ति गांवों में चिकित्सक दल आमजन को मच्छर जनित बीमारियों से बचाव व नियंत्रण के बारे में जानकारियां प्रदान करेंगे। स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन ने बताया कि स्वास्थ्य दल आमजन में घरों के आस-पास खुली नालियां नहीं रखने, कचरा इधर-उधर नहीं फेंकने, मौसमी बीमारियों की रोकथाम के प्रयास करने, मच्छर प्रजनन रोकथाम की जानकारी, पेयजल स्रोतों की उचित देखभाल करने के बारे में जानकारियां गांव-ढाणियों के निवासियों तक पहुंचाएंगे।