यह ऑनलाइन एफआइआर सीधे संबंधित थाने पर पहुंचेगी और संबंधित एसएचओ दर्ज एफआइआर में आइओ नियुक्त करेगा। पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा दर्ज ऑनलाइन एफआइआर की निगरानी भी की जाएगी। साथ में पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जांच में स्पष्ट होता है कि परिवादी थाने पर गया था और थाना पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज करने की बजाय टरका दिया, तब संबंधित थाने के एसएचओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। हालांकि हाल ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पुलिस को ऐसी व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे।
एक जून तक प्रशिक्षण पुलिस मुख्यालय के आदेश पर स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ( State Crime Record Bureau ) प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षक और कमिश्नरेट के डीसीपी दफ्तर के कार्मिकों को ऑनलाइन एफआइआर दर्ज करने का प्रशिक्षण दे रहा है। एससीआरबी इस व्यवस्था की मंगलवार से ट्रॉयल भी शुरू कर दी है।
यह लाभ होगा आमजन को – थाना पुलिस एफआइआर दर्ज नहीं करेगी, तब अलग-अलग अधिकारियों के यहां भटकने की बजाय एसपी दफ्तर से एफआइआर दर्ज होगी – लगातार किसी थाना पुलिस की एफआइआर दर्ज नहीं करने की शिकायत का ऑनलाइन दर्ज होने वाली एफआइआर से पुष्टि होगी
– संबंधित थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी, फिल्ड पोस्टिंग नहीं मिलेगी, यहां तक गंभीर संज्ञेय अपराध में भी लापरवाही बरतने पर बर्खास्त तक किए जा सकते हैं सुनवाई नहीं करने वालों की होगी पहचान
डीजीपी कपिल गर्ग ( DGP Kapil Garg ) ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय से एक जून से आमजन ऑनलाइन एफआइआर दर्ज करा सकेंगे। इससे थाना पुलिस की अपराध के प्रति कार्यप्रणाली का पता चलेगा। वहीं ऐसे एसएचओ की भी पहचान हो सकेगी, जो आमजन की सुनवाई नहीं करते।
डीजीपी कपिल गर्ग ( DGP Kapil Garg ) ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय से एक जून से आमजन ऑनलाइन एफआइआर दर्ज करा सकेंगे। इससे थाना पुलिस की अपराध के प्रति कार्यप्रणाली का पता चलेगा। वहीं ऐसे एसएचओ की भी पहचान हो सकेगी, जो आमजन की सुनवाई नहीं करते।