कुल मिलाकर हर तरफ हड़ताल.. हड़ताल और सिर्फ हड़ताल ही नज़र आ रही है। ‘चौतरफा’ हो रही इन हड़तालों और सरकार की चुप्पी के बीच आम जनता बेबस और लाचार दिखाई दे रही है। इधर, हड़ताल टूटने को लेकर प्रदेश भर की निगाहें हर दिन सरकार की ओर टिकी रहती हैं। उम्मीद रहती है कि शायद आज कोई समाधान निकल जाए और हड़ताल टूट जाए। सभी कुछ पहले जैसा व्यवस्थित और नियमित हो जाए। पर लगता है शायद सरकार को इन सभी से ज़्यादा चिंता चुनाव से पहले ज़्यादा से ज़्यादा प्रोजेक्ट्स को पूरा कर जैसे-तैसे उनपर अपना ‘ठप्पा’ चस्पा करने की दिखाई दे रही है।
रोजाना 10 लाख यात्री परेशान
रोडवेज के 20 हजार कर्मचारी 16 सितम्बर से हड़ताल पर हैं। इससे 4500 बसों का संचालन रुक गया है। रोडवेज की बसों में प्रतिदिन 10 लाख यात्री सफर करते हैं। इन बसों के बंद होने से लोगों को लोक परिवहन सेवा की बस या अन्य साधनों के जरिए सफर करना पड़ रहा है।
रोडवेज के 20 हजार कर्मचारी 16 सितम्बर से हड़ताल पर हैं। इससे 4500 बसों का संचालन रुक गया है। रोडवेज की बसों में प्रतिदिन 10 लाख यात्री सफर करते हैं। इन बसों के बंद होने से लोगों को लोक परिवहन सेवा की बस या अन्य साधनों के जरिए सफर करना पड़ रहा है।
50 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी हडताल पर
मंत्रालयिक कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 19 सितम्बर से हडताल पर हैं। विभिन्न स्तर के 50 हजार कर्मचारियों के हड़ताल पर होने के कारण जिला सहित विभिन्न स्तर के कार्यालयों में लोग चक्कर काट रहे हैं। एक कर्मचारी की तबियत बिगडऩे से मौत भी हो चुकी है।
मंत्रालयिक कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 19 सितम्बर से हडताल पर हैं। विभिन्न स्तर के 50 हजार कर्मचारियों के हड़ताल पर होने के कारण जिला सहित विभिन्न स्तर के कार्यालयों में लोग चक्कर काट रहे हैं। एक कर्मचारी की तबियत बिगडऩे से मौत भी हो चुकी है।
पंचायतीराज कर्मी 12 से हडताल पर
पंचायती राज के विभिन्न स्तर के 12 हजार कर्मचारी 12 सितम्बर से हड़ताल पर हैं। हड़ताल से पंचायती राज संस्थाओं के विभिन्न प्रकार के कामकाज अटक गए थे। … इधर हड़ताल से अटक गए रोडवेज और परिवहन के ड्रीम प्रोजेक्ट
मंत्रालयिक और रोडवेज की हड़ताल का असर सालों से अटके सरकार के प्रोजेक्ट पर पड़ रहा है। आलम है है कि सितंबर में होने वाले वाले उद्घाटन भी अभी तक नहीं हो पाए हैं।परिवहन विभाग और रोडवेज में ऐसे में ही प्रोजेक्ट अटके पडे है। पिछले चार सालों से सिंधी कैंप निर्माणाधीन बहूमंलिजा इमारत का निर्माण अभी भी पूरा नहीं हुआ है। हड़ताल से पहले जहां पर काम तेजी से चल रहा था, वहीं हड़ताल के दिनों में निर्माण धीमा हो गया है। अधिकारियों के हड़ताल में व्यस्त हो जाने के कारण निर्माण पर असर पड़ा है।भवन का निर्माण सितंबर माह में पूरा करने के साथ अक्टूबर के पहले सप्ताह में इसका उद्घाटन होना था।
पंचायती राज के विभिन्न स्तर के 12 हजार कर्मचारी 12 सितम्बर से हड़ताल पर हैं। हड़ताल से पंचायती राज संस्थाओं के विभिन्न प्रकार के कामकाज अटक गए थे। … इधर हड़ताल से अटक गए रोडवेज और परिवहन के ड्रीम प्रोजेक्ट
मंत्रालयिक और रोडवेज की हड़ताल का असर सालों से अटके सरकार के प्रोजेक्ट पर पड़ रहा है। आलम है है कि सितंबर में होने वाले वाले उद्घाटन भी अभी तक नहीं हो पाए हैं।परिवहन विभाग और रोडवेज में ऐसे में ही प्रोजेक्ट अटके पडे है। पिछले चार सालों से सिंधी कैंप निर्माणाधीन बहूमंलिजा इमारत का निर्माण अभी भी पूरा नहीं हुआ है। हड़ताल से पहले जहां पर काम तेजी से चल रहा था, वहीं हड़ताल के दिनों में निर्माण धीमा हो गया है। अधिकारियों के हड़ताल में व्यस्त हो जाने के कारण निर्माण पर असर पड़ा है।भवन का निर्माण सितंबर माह में पूरा करने के साथ अक्टूबर के पहले सप्ताह में इसका उद्घाटन होना था।
इसी प्रकार परिवहन विभाग के चार सालों से जगतपुरा आरटीओ में निर्माणाधीन चर्चित ऑटोमैटिेक ट्रेक काम भी अंतिम चरण में होने के बाद भी पूरा नहीं हो पा रहा है। परिवहन विभाग ऑटोमैटिक ट्रेक को सितंबर के अंत तक शुरू करने वाला था। लेकिन सिंतबर निकलने के बाद अब अक्टूबर में भी इसे पूरा नहीं किया गया है। अधिकारियों की माने तो मंत्रालयिक, सूचना सहायक और रोडवेज हड़ताल में आला अधिकारियों के व्यस्त हो जाने के कारण प्रोजेक्ट पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
रोडवेजकर्मियों की हड़ताल को संगठनों का समर्थन
निवेशकों के राष्ट्रीय स्तर के रजिस्टर्ड संगठन एआईएसओ का एटक और संयुक्त मोर्चा ने रोडवेज बस कर्मियों की हड़ताल को समर्थन दिया है। मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीबी यादव ने बताया कि पिछले दिनों से रोडवेज कर्मियों की हड़ताल से जनता परेशान है, लेकिन रोडवेज कर्मियों की मांगे भी वाजिब हैं। सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देकर इसकी अनदेखी कर रही है। इससे रोडवेजकर्मियों का आंदोलन जारी है। मोर्चा ने मांग की है कि सरकार रोडवेजकर्मियों की मांगों पर सकारात्मक रूख दिखाए। ऐसा नहीं करने पर संगठन सरकार के विपक्ष में मतदान करेगा।
निवेशकों के राष्ट्रीय स्तर के रजिस्टर्ड संगठन एआईएसओ का एटक और संयुक्त मोर्चा ने रोडवेज बस कर्मियों की हड़ताल को समर्थन दिया है। मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीबी यादव ने बताया कि पिछले दिनों से रोडवेज कर्मियों की हड़ताल से जनता परेशान है, लेकिन रोडवेज कर्मियों की मांगे भी वाजिब हैं। सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देकर इसकी अनदेखी कर रही है। इससे रोडवेजकर्मियों का आंदोलन जारी है। मोर्चा ने मांग की है कि सरकार रोडवेजकर्मियों की मांगों पर सकारात्मक रूख दिखाए। ऐसा नहीं करने पर संगठन सरकार के विपक्ष में मतदान करेगा।
4 मंत्रियों का समूह करेगा हड़ताली कर्मचारियों से वार्ता
अब जब मामला ज़्यादा बिगड़ने लगा है तब कहीं जाकर सरकार इसकी सुध लेती दिखाई दे रही है। हड़ताली कर्मचारियों को मनाने के प्रयास के लिए राज्य सरकार ने उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत की अध्यक्षता में 4 मंत्रियों का उच्च स्तरीय मंत्री समूह बनाया है। ये समूह 82 हजार हड़ताली कर्मचारियों से वार्ता करेगी।
अब जब मामला ज़्यादा बिगड़ने लगा है तब कहीं जाकर सरकार इसकी सुध लेती दिखाई दे रही है। हड़ताली कर्मचारियों को मनाने के प्रयास के लिए राज्य सरकार ने उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत की अध्यक्षता में 4 मंत्रियों का उच्च स्तरीय मंत्री समूह बनाया है। ये समूह 82 हजार हड़ताली कर्मचारियों से वार्ता करेगी।
मंत्रिमंडल सचिवालय के प्रमुख शिखर अग्रवाल ने मंगलवार देर रात इस मंत्री समूह के गठन के आदेश जारी कर दिए। मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से जारी आज्ञा के अनुसार कमेटी में जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप, परिवहन मंत्री युनूस खान व खाद्य मंत्री बाबूलाल वर्मा को शामिल किया गया है। नोडल एजेंसी कार्मिक विभाग को बनाया गया है। कमेटी मुख्य सचिव, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों से बात कर गतिरोध दूर करने के रास्ते सुझाने पर विचार करेगी और सरकार को सिफारिश करेगी। अब तक हड़ताली कर्मचारियों व राज्य सरकार के बीच वार्ता शुरू नहीं होने से गतिरोध बना हुआ था।