यहां काले धन के खर्च होने की आशंका
जयपुर, अलवर, जोधपुर, कोटा और पाली सीट को कालाधन खर्च होने के लिए चिन्हित किया है। पांचों सीटों को संवेदनशील मानते हुए कालेधन के खर्च पर निगरानी को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। सूत्रों का मानना है कि एक पखवाड़े के अंदर लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो जाएगा। इसके साथ ही चुनाव आचार संहिता देश में लागू होने के साथ ही इन पांचों लोकसभा सीटों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
जयपुर, अलवर, जोधपुर, कोटा और पाली सीट को कालाधन खर्च होने के लिए चिन्हित किया है। पांचों सीटों को संवेदनशील मानते हुए कालेधन के खर्च पर निगरानी को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। सूत्रों का मानना है कि एक पखवाड़े के अंदर लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो जाएगा। इसके साथ ही चुनाव आचार संहिता देश में लागू होने के साथ ही इन पांचों लोकसभा सीटों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
चार वही, एक सीट बदली
विभाग ने गत लोकसभा चुनाव 2014 में भी 5 लोस सीटों को राज्य में कालेधन के हिसाब से संवेदनशील मानाा था। इस बार एक सीट को बदला है। गत लोकसभा चुनाव में जयपुर, अलवर, जोधपुर, कोटा, करौली-धौलपुर को इस श्रेणी में रखा था। इस बार 2019 के चुनाव के लिए करौली-धौलपुर के स्थान पर पाली को संवेदनशील लोकसभा क्षेत्र की सूची में डाला है।
विभाग ने गत लोकसभा चुनाव 2014 में भी 5 लोस सीटों को राज्य में कालेधन के हिसाब से संवेदनशील मानाा था। इस बार एक सीट को बदला है। गत लोकसभा चुनाव में जयपुर, अलवर, जोधपुर, कोटा, करौली-धौलपुर को इस श्रेणी में रखा था। इस बार 2019 के चुनाव के लिए करौली-धौलपुर के स्थान पर पाली को संवेदनशील लोकसभा क्षेत्र की सूची में डाला है।
70 लाख सीमा, खर्च करोड़ों में
चिन्हित क्षेत्र में निर्वाचन विभाग का मानना है कि इन क्षेत्रों में धनबल का इस्तेमाल ज्यादा होगा। मतदाताओं को लुभाने के लिए नकद राशि, शराब, सामान का वितरण, वाहनों का दुरुपयोग संभव है। चुनाव में खर्च की सीमा 70 लाख रुपए है। हालांकि उसे इस राशि का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग को देना होगा।
चिन्हित क्षेत्र में निर्वाचन विभाग का मानना है कि इन क्षेत्रों में धनबल का इस्तेमाल ज्यादा होगा। मतदाताओं को लुभाने के लिए नकद राशि, शराब, सामान का वितरण, वाहनों का दुरुपयोग संभव है। चुनाव में खर्च की सीमा 70 लाख रुपए है। हालांकि उसे इस राशि का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग को देना होगा।