चांदी की थाली और कटोरी में भोग
गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर जी को विशेष सुनहरे पारचे की पोशाक धारण करवाई जाएगी। विशेष व्यंजन द्वादशी झांकी के दर्शन दोपहर 12 से 1 बजे तक होंगे। वहीं पारंपरिक चांदी की थाली और कटोरी में कच्चा भोग, दाल और खीर का भोग लगाया जाएगा। इस दिन सुबह की राजभोग झांकी के दर्शन नहीं हो सकेंगे। बाकी झांकियों का समय यथावत रहेगा। श्रद्धालुओं को उत्सव प्रसाद लड्डू शुक्रवार को भंडार से दिया जाएगा। इस बार व्यंजन द्वादशी पर श्रद्धालुओं से हरी सब्जी और अन्य सूखी सामग्री स्वीकार नहीं की जाएगी।
गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर जी को विशेष सुनहरे पारचे की पोशाक धारण करवाई जाएगी। विशेष व्यंजन द्वादशी झांकी के दर्शन दोपहर 12 से 1 बजे तक होंगे। वहीं पारंपरिक चांदी की थाली और कटोरी में कच्चा भोग, दाल और खीर का भोग लगाया जाएगा। इस दिन सुबह की राजभोग झांकी के दर्शन नहीं हो सकेंगे। बाकी झांकियों का समय यथावत रहेगा। श्रद्धालुओं को उत्सव प्रसाद लड्डू शुक्रवार को भंडार से दिया जाएगा। इस बार व्यंजन द्वादशी पर श्रद्धालुओं से हरी सब्जी और अन्य सूखी सामग्री स्वीकार नहीं की जाएगी।
की जाएगी मनुहार
खासतौर पर भगवान को गर्म पकवानों में बाजरे के खीचड़े का मनुहार कर भोग लगाया जाएगा। इसके साथ ही मूंग, चवला, मीठे-नमकीन चावल, कढ़ी, गट्टे की सब्जी, नमकीन आदि का भोग लगाया जाएगा। वहीं ठाकुर जी को नवीन सलिल की पोशाक धारण कराई जाएगी।
खासतौर पर भगवान को गर्म पकवानों में बाजरे के खीचड़े का मनुहार कर भोग लगाया जाएगा। इसके साथ ही मूंग, चवला, मीठे-नमकीन चावल, कढ़ी, गट्टे की सब्जी, नमकीन आदि का भोग लगाया जाएगा। वहीं ठाकुर जी को नवीन सलिल की पोशाक धारण कराई जाएगी।