गौरतलब है कि राजस्थान विश्वविद्यालय में 50 से अधिक महिला टीचर्स को एक मनचले ने फोन ( Obscene talk from Female Teachers ) कर परेशान किया। मनचला महिला शिक्षकों तक ही सीमित नहीं रहा, उसने परिवार व बेटियों तक भी ताक-झांक की। कई बार टीचर्स को मनचले ने यह कहकर डराया कि तुम्हारी बेटी कल उस जगह पर थी।
एटीएस की ली मदद इंटरनेट के जरिए फोन कर महिला टीचर्स को परेशान करने वाले मनचले को पकड़ने के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की मदद ली गई। इंटरनेट कॉलिंग सर्विस सुविधा देने वाली सभी एजेंसियों के सर्वर अमरीका में हैं। अमरीका सीधे तौर पर किसी भी देश की पुलिस को इंटरनेट कॉल के संबंध में जानकारी नहीं देता। लेकिन आतंकवाद नाम आते ही आतंकवाद निरोधक दस्ता जैसी एजेंसियों को अमरीका इसकी जानकारी उपलब्ध कराता देता है। ऐसे में जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने एटीएस की मदद मांगी थी।
डरी महिला शिक्षक नहीं आई बयान देने मनचले की बातों में महिला शिक्षिकाएं इतनी डर गई कि उन्होंने पुलिस में शिकायत करने की हिम्मत तक नहीं दिखाई। इस संबंध में राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन, पुलिस प्रशासन लिखित शिकायत देने के लिए महिला शिक्षकों को मनाता रहा। लेकिन 50 में से केवल 6 टीचर्स ही लिखित शिकायत व बयान देने का साहस दिखा पाईं।
हालांकि महारानी कॉलेज की प्रिंसीपल ने कुलपति को सभी टीचर्स का प्रतिनिधित्व करता ज्ञापन व शिकायत दी। उस पर करीब 70-80 टीचर्स के हस्ताक्षर थे मगर 80 में से अधिकतर टीचर्स बयान देने नहीं आईं। आखिर 6 टीचर्स की शिकायत के साथ विवि के चीफ प्रोक्टर ने गांधीनगर थाने में मामला दर्ज कराया।