देवस्थान मंत्री ने इसके लिए आयुक्त देवस्थान को दो महीने में उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। अब एक जिले के अधिकारी दूसरे जिले में जाकर देवस्थान विभाग की संपत्ति का सर्वे करेंगे, जिससे देवस्थान विभाग की संपत्ति पर कब्जे का पता चल सके। सर्वाधिक एक दर्जन से ज्यादा मंदिर मथुरा में हैं। विभाग के अधीन 41 में से 14 मंदिरों के रिकॉर्ड के संबंध में विभाग को कोई जानकारी नहीं है। इनमें औरंगाबाद का वैष्णव बालाजी और रेलवे स्टेशन स्थित हनुमानजी मंदिर शामिल है। इन मंदिरों की जमीन और संपत्तियों की कीमत करोड़ों में हैं। जिन मंदिरों का ब्यौरा विभाग के पास है, उनकी करीब 29.18 एकड़ कृषि भूमि है। इसी तरह कई बीघा भूमि खुली पड़ी है। मकानों की बात की जाए तो करीब 920 आवासीय मकान मंदिरों के अंडर में हैं। 55 से ज्यादा दुकानें और कोठे भी इन मंदिरों के अंतर्गत आते हैं।
जीएफएक्स इन
इन मंदिरों की संपत्ति की नहीं जानकारी औरंगाबाद
एटा का मंदिर श्री बलदेवजी सौरोघाट
रेलवे स्टेशन स्थित हनुमानजी मंदिर वाराणसी
रामेश्वर जयपुर मंदिर
महादेवजी अलवर मंदिर
मंदिर श्री डूंगरेश्वरजी बीकानेर
मंदिर श्री दिवानेश्वरजी उदयपुर
मंदिर श्री अन्नपूर्णाजी जयपुर
उत्तराकाशी
जयपुर धर्मशाला उत्तराकाशी मथुरा
मंदिर श्री गोकलानंदजी
मंदिर श्री कुंज पार्वती भरतपुर
मंदिर श्री कुंज बदन सिंह भरतपुर
मंदिर श्री लक्ष्मणजी भरतपुर बनारस
डूंगरेश्वर बीकानेर मंदिर