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लाभकारी मूल्य बढ़ाने के बावजूद आखिर किसान क्याें हैं नाखुश

locationजयपुरPublished: Jul 05, 2018 05:03:22 pm

Submitted by:

Ashish Sharma

किसानों का कहना लागत मूल्य की नहीं हुई ठीक से गणना…लागत मूल्य में नहीं शामिल किया गया पूंजी का ब्याज और जमीन का किराया

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लाभकारी मूल्य बढ़ाने के बावजूद आखिर किसान क्याें हैं नाखुश

जयपुर / आशीष शर्मा
केन्द्र की ओर से खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल की लागत का डेढ गुना किए जाने के बावजूद किसानों में खास खुशी नहीं है। किसान संगठनों की माने तो एमएसएपी में बढ़ोतरी करके सरकार ने किसानों को अधूरा लाभ दिया है। उपज की लागत मूल्य तय करने के लिए जो फॉर्मूला अपनाया गया है वो स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के मुताबिक पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है। उपज की लागत की वास्तविक गणना नहीं की गई है।
किसान संगठनों का कहना है कि केन्द्र ने खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ गुना बढ़ा तो दिया है लेकिन किसान की पूंजी पर लगने वाले ब्याज और भूमि के किराए को उपज की लागत में नहीं जोड़ा गया है। जबकि किसानों को बड़ा तबका ऐसा है जो कि ठेके या किराए की भूमि पर खेती करता है। इन दोनों की चीजों को उपज लागत और एमएसपी के निर्धारण के समय नजरअंदाज करने से किसानों को उपज का पूरा लाभकारी मूल्य नहीं मिलेगा।

किसानों ने बताया नाकाफी
किसान महापंचायत, अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान संघ के साथ ही गांव बंद आंदोलन के किसान प्रतिनिधियों ने एमएसपी में की गई बढ़ोतरी को नाकाफी बताया है। साथ ही इनका यह भी कहना है कि सरकार ने शत प्रतिशत उपज खरीदने की गारंटी भी नहीं दी है। गौरतलब है कि केन्द्र ने खरीफ सीजन की 14 फसलों पर लागत मूल्य का ढेड गुना मूल्य देने की घोषणा करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है।
इतना बढ़ाया खरीफ फसलों का एमएसपी
उपज पहले अब
मूंग 5575 6975
धान सामान्य 1550 1750
धान ग्रेड अ 1590 1770
ज्वार हाईब्रिड 1556 2430
मक्का 1425 1700
रागी 1900 2897
उड़द 5400 5600
मूंगफली 4450 4890
कपास 4020 5150
बाजरा 1425 1950
सूरजमुखी 4100 5388
किसान प्रतिनिधियों का यह कहना
लागत मूल्य की गणना में किसान की जमीन का किराया और पूंजी पर लगने वाला ब्याज नहीं जोड़ा गया है। इस कारण फसल की सही लागत तय नहीं करने से एमएसपी में बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को लाभकारी मूल्य नहीं मिल पाएगा।
रामपाल जाट, राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान महापंचायत
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एमएसपी पर बढ़ोतरी की घोषणा कर किसानों को सिर्फ गुमराह करने की कोशिश की गई है। उपज की लागत का वास्तविक मूल्य नहीं जोड़ने से लाभकारी मूल्य दिया जाना बेमानी है।
सी.बी.यादव, संयोजक, गांव बंद आंदोलन

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उपज लागत का डेढ गुना मूल्य देने की घोषणा किसानों के साथ धोखा है। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को सही ढंग से लागू नहीं किया गया। सरकार ने किसानों को पूरी उपज खरीदने की गारंटी भी नहीं दी है।
गुरूचरण सिंह मोड, अखिल भारतीय किसान सभा
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एमएसपी में बढ़ोतरी का कदम सराहनीय है लेकिन सरकार को यह भी निर्णय लेना चाहिए कि मंडियों में उपज की बोली एमएसपी से कम मूल्य पर नहीं लगे। साथ ही उपज खरीद की गारंटी भी सरकार को देनी चाहिए।
छोटी लाल सैनी, जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ
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