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कानून व्यवस्था के नाम पर बार-बार बंद हो रहीं इंटरनेट सेवाएं, करोड़ों का नुकसान-लोग परेशान, अदालत ने मांगा जवाब

locationजयपुरPublished: Dec 14, 2017 12:11:46 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

अदालत ने इंटरनेट सेवा बंद करने के मामले में पुलिस एवं जिला प्रशासन के साथ ही पांच मोबाईल कम्पनियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।

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जयपुर/भीलवाड़ा।

राजस्थान में कानून व्यवस्था के नाम पर जिला प्रशासन की ओर से सम्बंधित ज़िले भर में सबसे पहले इंटरनेट सेवाएं बंद करना आम बात हो गया है। इसे लेकर पिछले दिनों अदालत में परिवाद पेश किया गया था। इस मसले को अब अदालत ने भी गंभीर विषय माना है और सम्बंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
भीलवाड़ा में स्थाई लोक अदालत ने शहर में इंटरनेट सेवा बंद करने के मामले में पुलिस एवं जिला प्रशासन के साथ ही पांच मोबाईल कम्पनियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।

भारतीय मज़दूर संघ (भामस) के प्रदेश उपाध्यक्ष श्रमिक नेता प्रभाष चौधरी और चार व्यापारियों ने जिला प्रशासन द्वारा क़ानून व्यवस्था बिगडने का हवाला देते हुए शहर में इंटरनेट सेवाओं को एक वर्ष में चार बार बन्द कर दिए जाने पर परिवाद पेश किया था।
जिला स्थाई लोक अदालत में लगाए गए इस परिवाद में संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित पांच मोबाईल कम्पनियों को पक्षकार बनाया गया था। इस पर अदालत ने पुलिस एवं जिला प्रशासन तथा मोबाईल कम्पनियों को नोटिस जारी कर आगामी 11 जनवरी को तलब किया है।
ये बताया गया परिवाद में
परिवाद में बताया गया कि भीलवाड़ा औद्योगिक नगरी है जहां प्रतिदिन करोडों रुपए का व्यापार विभिन्न क्षेत्रों में होता है। केन्द्र एवं राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार को मिटाने, आमजन को त्वरित न्याय एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए डिजीटल इंडिया, शाइनिंग इंडिया, कैशलेस जैसी कई योजनाए चलाई हुई हैं। इनमें बैकिग, बिलिंग, साक्षात्कार, जीएसटी, सेलटेक्स, इनकम टैक्स, टेलीफोन, मोबाईल, बिजली, पानी बिल, शैक्षिणिक, चिकित्सालय, रेलवे, हवाई, ट्रावेल्स, टैक्सी, स्वास्थ्य, नेट बैकिग, ऑनलाइन रिज़र्वेशन, विद्यार्थी प्रतियोगिता परीक्षा के आवेदन तथा निर्माण श्रमिक जगत का कार्य पूर्णतया इन्टरनेट सेवाओं के माध्यम से करवा रखा है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा बिना किसी आधार एवं सूचना, जानकारी एवं आमजन की सुविधाओं का ध्यान रखें। बगैर करोड़ों रुपये के व्यापार को प्रभावित करते हुए इंटरनेट सेवाएं पिछले एक वर्ष में कई घन्टों तक चार बार बन्द कर भीलवाडा के आम नागरिकों के साथ कुठाराघात किया है।
इस पर अदालत ने पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर और मोबाइल सेवा प्रदाता कम्पनियों को नोटिस जारी कर 11 जनवरी को तलब किया हैं।

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