scriptहनुमान बेनीवाल के साथ से कांग्रेस ने किया था इंकार, अब चारों खाने होना पड़ा चित्त | Congress Ignore Hanuman Beniwal before Lok Sabha Election 2019 | Patrika News

हनुमान बेनीवाल के साथ से कांग्रेस ने किया था इंकार, अब चारों खाने होना पड़ा चित्त

locationजयपुरPublished: May 26, 2019 03:43:00 am

Submitted by:

dinesh

कांग्रेस के पास यह मौका आया था, लेकिन राज्य में सत्ताधारी दल होने के चलते उसने बेनीवाल के साथ से इंकार कर दिया…

hanuman  beniwal
जयपुर।

प्रदेश की जाट बेल्ट में भाजपा की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ लेने की चाल ने कांग्रेस को चारों खाने चित्त कर दिया। हालांकि कांग्रेस के पास यह मौका आया था, लेकिन राज्य में सत्ताधारी दल होने के चलते उसने बेनीवाल के साथ से इंकार कर दिया। मोदी लहर में hanuman beniwal के भाजपा के साथ की वजह से बाड़मेर, जोधपुर, सीकर, पाली और नागौर में कांग्रेस को जबरदस्त नुकसान पहुंचा।
सियासत में कभी स्थायी दोस्त और दुश्मन नहीं होते हैं। यह बात लोकसभा में भाजपा ने साबित कर दी है। कभी भाजपा नेताओं को खुलेआम भला-बुरा कहने वाले हनुमान बेनीवाल की विधानसभा में दिखी ताकत का अंदाज लगाकर भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अपने पाले में कर लिया।
वहीं बेनीवाल ने राष्ट्रवाद की बहती बयार का अंदाज लगा लिया और खुद के युवा समर्थकों की बात सुनकर कांग्रेस की बजाय भाजपा का साथ देना मुनासिब समझा। ऐसे में बेनीवाल भी खुले तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समर्थन में आ गए। बेनीवाल ने भाजपा के समर्थन में बाड़मेर, जोधपुर, पाली, राजसमंद, जयपुर ग्रामीण, सीकर जैसे लोकसभा क्षेत्रों में किया। बेनीवाल को कांग्रेस ने हल्के में लिया, जो चुनाव में उसे भारी पड़ गया। बेनीवाल ने सिर्फ नागौर सीट पर चुनाव नहीं जीता, बल्कि आधा दर्जन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की हवा खराब कर दी। यही वजह रही कि मारवाड़ में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली है।
कैसे मोदी लहर हुई मजबूत
बाड़मेर: बाड़मेर की 7 और जैसलमेर की एक विधानसभा सीट आती है। भाजपा के सिर्फ एक विधायक था। जबकि चार सीट पर रालोपा ने अच्छे-खासे वोट हासिल कर भाजपा को हराने का काम किया था। रालोपा के एनडीए में शामिल होने से इन सीटों पर रालोपा के वोट भाजपा की तरफ शिफ्ट होते दिखाई दिए।
जोधपुर: जोधपुर की 7 व जैसलमेर की पोकरण विस सीट शामिल है। कांग्रेस का कब्जा छह और भाजपा का दो सीट पर है। सीएम के पुत्र वैभव गहलोत के प्रत्याशी होने से भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट थी। रालोपा ने लूणी व शेरगढ़ में भाजपा को फायदा पहुंचाया है।
नागौर: यहां पर बेनीवाल भाजपा का खेल बिगाड़ सकते थे। विधानसभा में कांग्रेस के 5, भाजपा के 2 और रालोपा से खुद बेनीवाल विधायक है।

सीकर: इस लोकसभा की सीकर, नीमकाथाना और चौमू विधानसभा में रालोपा ने करीब 90 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे। रालोपा के साथ के चलते यहां भी भाजपा को सीधा फायदा मिला और उसका जीत का अंतर काफी बड़ा हो गया।
पाली: पाली में भाजपा विधानसभा चुनाव में काफी मजबूत होकर उभरी थी। यहां बेनीवाल की पार्टी ने भाजपा की बढ़त को बढ़ाने का काम किया है।

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