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गहलोत सरकार को कलक्टर्स ने चेताया, बोले- ‘बिगड़ने वाली है कानून व्यवस्था…’, पढ़ें पूरी खबर

locationजयपुरPublished: Aug 23, 2019 11:41:23 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

राजस्थान की गहलोत सरकार के कुछ जिला कलेक्टर्स ने प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताई है। कलेक्टर्स ने चेताया है कि समय रहते कदम नहीं उठाये जाते तो स्थितियां बिगड़ने में देर नहीं लगेगी।

ashok gehlot
जयपुर।
राजस्थान की गहलोत सरकार के कुछ जिला कलेक्टर्स ने प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका जताई है। कलेक्टर्स ने चेताया है कि समय रहते कदम नहीं उठाये जाते तो स्थितियां बिगड़ने में देर नहीं लगेगी। दरअसल, गुरुवार को जिला कलक्टरों की मुख्य सचिव के साथ वीडियो कांफ्रेंस हुई। इसमें कुछ कलक्टर्स ने ग्राउंड रिपोर्ट बताते हुए कहा कि सहकारी बैंकों से फसली ऋण नहीं मिलने से किसान आक्रोशित हैं। हालात यहां तक पहुंच गए कि अब कानून व्यवस्था कभी भी बिगड सकती है। वीडियो कांफ्रेंस के ज़रिये हुई इस बैठक में सबसे अधिक बजट बाड़मेर जिला कलक्टर ने मांगा। वहां अगले सप्ताह सरकारी कार्यक्रम भी प्रस्तावित है।
मुख्य सचिव ने यह वीडियो कांफ्रेंस सहकारी बैंकों के फसली ऋण, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा किसान मान धन योजना की प्रगति जानने के लिए आयोजित की थी। कांफ्रेंस में सभी जिला कलक्टर, जिलों के केन्द्रीय सहकारी बैंक के एमडी व सहकारी विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
सभी कलक्टर की बात सुनने के बाद मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने आश्वस्त किया कि बजट उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांफ्रेंस के तत्काल बाद उनके साथ बैठे सहकारिता सचिव अभय कुमार व रजिस्ट्रार नीरज के. पवन प्रमुख सचिव (वित्त) निरंजन आर्य के पास जा रहे हैं। जो भी विकल्प होगा, उसकी पालना कर बजट उपलब्ध कराया जाएगा।
ऐसे रखी कलक्टरों ने अपनी बात


बाड़मेर: ऋण मिलना जरूरी
कांफ्रेंस में सबसे पहले बाड़मेर कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बजट की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि बाड़मेर में जो लक्ष्य है, उसके अनुपात में बहुत कम ऋण वितरण हुआ है। यहां कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। अगले सप्ताह मुख्यमंत्री का कार्यक्रम बन सकता है। ऐसे में किसानों का ऋण मिलना जरूरी है। सरकार जल्द इसके लिए बजट उपलब्ध कराए।
जयपुर: कम ऋण मिल पाया
जयपुर कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि सबसे अधिक किसान जयपुर जिले में हैं। यहां 6 सौ करोड़ रुपए का लक्ष्य था। इसमें से 232 करोड़ रुपए का ही लोन वितरित हुआ है।
कोटा: आक्रोश की दी जानकारी
कोटा कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि जिले में चालीस करोड़ के ऋण वितरण करने हैं। इसके अलावा गंगाानगर, भीलवाड़ा व अन्य जिलों के कलक्टर ने भी जिले में ऋण वितरण के लिए तत्काल बजट की मांग की है। गंगानगर में भी किसानों के आक्रोशित होने की जानकारी दी गई।
बैंक खुद कर्ज लेकर बांटेंगे कर्ज
सरकार के पास तत्काल सहायता के लिए अब एक ही विकल्प रहा है। पूर्व की तरह ही अपेक्स बैंक एनसीडीसी (नेशनल को-ऑपरेटिव डवलपमेंट कॉर्पोरेशन) से लोन ले सकती है। अपेक्स बैंक व सहकारी विभाग ने यह प्रस्ताव पूर्व में ही तैयार कर लिया था। हालांकि इसके लिए सरकार की गारंटी जरूरी है। एनसीडीसी सरकार की गारंटी के बिना कर्ज नहीं देती। गारंटी के अभाव में यह प्रस्ताव वित्त विभाग में ही अटका हुआ है। इसी लिए वीडियो कांफ्रेंस के तत्काल बाद सहकारिता सचिव सीधे निरंजन आर्य के पास पहुंचे थे। पूर्व सरकार ने भी इसी तरह एनसीडीसी से लोन लेकर किसानों को लोन वितरित किए थे।
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