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सरकार की यह कैसी जनसुनवाई, न सुनने वाला आया- न सुनाने वाला

locationजयपुरPublished: Oct 08, 2019 10:40:05 am

Submitted by:

PUNEET SHARMA

सरकार की यह कैसी जनसुनवाई: न सुनने वाला आया न सुनाने वाला

pcc jansunvai
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के निर्देश पर कांग्रेस मुख्यालय पर सोमवार से जनसुनवाई शुरू हुई। आधी—अधूरी तैयारी के साथ शुरू हुई जनसुनवाई में आमजन कम ही पहुंचे। कुछ कार्यकर्ता ही नजर आए। कांग्रेस ने पिछले दिनों ही मुख्यालय पर जन सुनवाई करने का एलान किया था। अमजन ही नहीं मीडिया व मुख्यालय में बैठने वाले लोगों को भी सुबह ही जानकारी मिली। मंत्री बीडी कल्ला को जरूर रविवार देर रात जानकारी दे दी गई।
मंत्री भी सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक होने वाली जनसुनवाई में करीब आधा घंटे की देरी से पहुंचे। उनसे केवल वे ही मिले जो तबादले व नियुक्तियों को लेकर कार्यलय आए थे। पहले दिन तीन जर्दन शिकायतें मिली। इनमें मुख्य रूप से राजनीतिक नियुक्ति,तबादले को लेकर कार्यकर्ताओं की शिकायतें थी।
भाजपा जब सत्ता में थी तब भाजपा प्रदेश कार्यालय पर प्रतिदिन सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक मंत्रियों की कार्यकर्ता जनसुनवाई होती थी। जनसुनवाई में मंत्री हर हाल में मौजूद रहें इसके लिए बकायदा महीने भर का चार्ट पहले ही तैयार होता था। साथ ही जनसुवाई के लिए एक केबिनेट मंत्री के साथ एक राज्यमंत्री की डयूटी रहती थी। जनसुनवाई और कार्यकर्ता सुनवाई में मिलने वाली परिवेदनाओं को सम्पर्क पोर्टल पर अपलोड किया जाता था और इसके जरिए संबधित विभाग के मंत्री के पास भेजा जाता था। भाजपा सरकार का दावा था कि विभिन्न स्तरों पर जनसुनवाई में सरकार को 13 लाख से ज्यादा परिवेदनाएं मिली थी। जिनमें से 12 लाख से ज्यादा परिवेदनाओं का निस्तारण कर दिया गया था।
पीसीसी से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यालय में आने वाली शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए सचिवालय स्तर पर नोडल डेस्क बनेगी। वहां से सीधे शिकायतों को संबधित मंत्रियों के पास भेजा जाएगा। जनसुनवाई के बाद मंत्री बीडी कल्ला ने लोगों को पानी बचाने की नसीहत दी। मंत्री कल्ला ने कहा कि पानी की परेशानी क्या होती है यह पश्चिमी राजस्थान के लोग जानते है। वे स्व्यं भी परात में बैठ कर नहाते थे। ताकि परात का पानी अन्य काम में इस्तेमाल किया जा सके।
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