पहले सासंद, फिर बने सीएम
1-अशोक गहलोत: ये सीएम बनने से पहले पांच बार सांसद रहे हैं। इन्होंने सबसे पहले वर्ष 1980 में लोकसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद ये 1984, 1991, 1996 व 1998 में भी सांसद रहे। ये सभी चुनाव जोधपुर लोकसभा सीट से जीते थे। पांच बार सांसद बनने के बाद ये वर्ष 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बने। ये तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं।
2- वसुन्धरा राजे: ये पांच बार सांसद रही हैं। सबसे पहले ये वर्ष 1989 में सांसद चुनी गई थी। इसके बाद ये 1991, 96, 98,99 में भी सांसद रही है। केन्द्रीय मंत्री रही है। ये वर्ष 2003 में पहली बार मुख्यमंत्री बनी हैं। ये दो बार मुख्यमंत्री रही हैं।
3-शिवचरण माथुर: माथुर को भी पहले सांसदी पसंद आई। इन्होंने दो बार सांसद का चुनाव जीता है। सबसे पहले इन्होंने वर्ष 1964 में लोकसभा सदस्य बने थे। इसके बाद ये 1981 में मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री बनने के बाद ये फिर से सांसद का चुनाव लड़ा। इन्होंने वर्ष 1991 में भीलवाड़ा सीट से चुनाव जीता।
4-जगन्नाथ पहाडिय़ा: ये पहले सांसद का चुनाव जीते थे। ये चार बार सांसद रहे हैं। इन्होंने वर्ष 1957 में सवाईमाधोपुर सीट से लोकसभा का चुनाव जीता था। ये वर्ष 1957, 1967, 1971, 1980 में सांसद रहे हैं। 26 वर्ष की उम्र में जगन्नाथ पहाडिय़ा लोकसभा के सदस्य बन गए थे। ये 6 जून 1980 से 14 जुलाई 1981 तक राजस्थान के नवें मुख्यमंत्री रहे। ये 13 माह तक मुख्यमंत्री रहे थे। ये राजस्थान के पहले दलित सीएम थे।
ये पहले सीएम बने, फिर सांसदी आई रास
5-मोहनलाल सुखाडिय़ा: सुखाडिय़ा पहले मुख्यमंत्री बने, बाद में सांसद का चुनाव जीता था। ये वर्ष 1954 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। चार बार मुख्यमंत्री बनने के बाद इन्हें राज्यपाल बनाया गया। इसके बाद ये वर्ष 1980 का लोकसभा चुनाव उदयपुर सीट से लड़े थे। इनके सामने जनता पार्टी के भानुकुमार शास्त्री मैदान में थे।
6-टीकाराम पालीवाल: इन्हें भी पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी नसीब हुई। इसके बाद ये सांसद का चुनाव जीते थे।
ये वर्ष 1951 में मुख्यमंत्री बने थे। इनका कार्यकाल एक वर्ष से भी कम रहा था। दो बार विधायक व एक बार मुख्यमंत्री बनने के बाद ये वर्ष 1962 में तीसरी लोकसभा के लिए चुनाव मैदान में उतरे। ये हिंडोन सीट से सांसद चुने गए।
7-हीरालाल शास्त्री: शास्त्री राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री बने थे। तीस मार्च 1949 को जब राजस्थान राज्य का गठन हुआ था, तब इन्हें प्रथम मुख्यमंत्री बनाया गया था। इन्होंने पांच जनवरी 1951 को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ये दूसरी लोकसभा चुनाव में वर्ष 1957 में सवाईमाधोपुर सीट से सांसद के तौर पर खड़े हुए । जीते भी थे।