टीचर्स का सबसे ज्यादा सम्मान होता है चीन में
जयपुरPublished: Nov 14, 2018 03:59:31 pm
चीन के आधे से ज्यादा लोग अपने बच्चों को बनाना चाहते हैं एक शिक्षक
टीचर्स का सबसे ज्यादा सम्मान होता है चीन में
गुरु को ब्रह्मा, विष्णु, महेश की संज्ञा दी गई है तो उसे गोविंद से भी ऊपर बताया गया है और दुनिया में एक देश ऐसा है, जो इस चीज का पूरी तरह से पालन कर रहा है, वह देश है चीन। दुनिया में चीन एक ऐसा देश है, जो अपने यहां के शिक्षकों को सबसे ज्यादा सम्मान देता है। लंदन की ग्लोबल एजुकेशन चैरिटी की ओर से हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है। वारके फाउंडेशन की ओर से प्रकाशित द ग्लोबल टीचर स्टेटस इंडेक्स 2018 के मुताबिक, दुनिया भर के शिक्षकों और उनके सम्मान के प्रश्न को लेकर हुआ अब तक का यह सबसे व्यापक शोध है। चीन के अलावा दूसरे 34 देशों में हुए इस शोध में पाया गया कि चीन में सबसे ज्यादा 81 फीसदी लोग यह मानते हैं कि विद्यार्थी टीचर्स का सम्मान करते हैं, जबकि इसका वैश्विक औसत 36 फीसद है। वारके फाउंडेशन के अध्यक्ष विकास पोटा कहते हैं कि 2013 में पहले ग्लोबल टीचर स्टेटस इंडेक्स के बाद एक बार फिर चीन की जनता ने यह जता दिया है कि चीनी जनता अपने शिक्षकों का कितना सम्मान करती है। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि द ग्लोबल टीचर स्टेटस इंडेक्स 2018 से पहली बार यह भी पता लगा है कि शिक्षक के स्टेटस और विद्यार्थी की परफॉर्मेंस में सीधा संबंध होता है। शोध में पाया गया है कि यूरोप और लैटिन अमरीका में शिक्षकों को एशिया और मध्य पूर्व तुलना में सम्मान के मामले काफी निराशा प्राप्त होती है। ज्यादातर यूरोपिय देशों में लोगों का मानना है कि विद्यार्थी अपने शिक्षकों का सम्मान नहीं करते। ब्राजील में शिक्षकों को सम्मान देने के मामले में सबसे निचली पायदान पर रहा तो इटली और इजराइल भी इस मामले में पिछड़े ही। सर्वे में यह भी पाया गया कि आधे से ज्यादा चीनी परिवार अपने बच्चों को शिक्षक बनने के लिए प्रेरित कते हैं। चीन, रूस और मलेशिया में लोग मानते हैं कि शिक्षकों और डॉक्टर्स का प्रोफेशन बेहद नजदीक का है, जबकि दूसरे कुछ देशों ने माना कि नर्स, लाइब्रेरियन, और सामाजिक कार्यकर्ताओं से ज्यादा अच्छा और सम्मानजनक पेशा शिक्षकों का है। हालांकि यह भी उतना ही सच है कि चीन में शिक्षक लोगों की सोच की तुलना में कम कमाते हैं।