आंकड़े जाहिर करते हुए चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के प्रवक्ता माओ शेंगयॉन्ग ने कहा कि देश घरेलू और वैश्विक दोनों स्तरों पर चुनौतियों का सामना कर रहा था। उन्होंने कहा कि हालांकि चीन की अर्थव्यवस्था ने स्थिरता बरकरार रखी है और लिविंग स्टैंडर्ड में सुधार हुआ है।
चीन की अर्थव्यवस्था को अमेरिका की शुल्क वृद्धि का खामियाजा भुगतना पड़ा और तकनीकीय योजनाओं को भी धक्का लगा है। चीन सरकार के वार्षिक वृद्धि के लक्ष्य के मुकाबले विकास दर बहुत धीमी गति से आगे बढ़ी। 2018 में इस तिमाही में चीन की विकास दर 6.6 फीसदी थी। चीन के साथ व्यापार करने वालों की नजरें ट्रेड वॉर पर टिकी हुई हैं। इस ट्रेड वॉर की वजह से मंदी का डर भी बना हुआ है।
सिंगापुर के अर्थव्यवस्था हो वो चेन ने कहा कि अमेरिका और चीन के ट्रेड अग्रमेंट को लेकर अब भी अनिश्चितताएं हैं। मुझे लगता है कि 15 दिसंबर को लागू होने वाले शुल्क 2020 की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डालेंगे। पिछले कुछ महीनों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग में कमी आई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह चीन के साथ अग्रीमेंट के करीब है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अभी इसमें काफी कसर बाकी है।
चीन में लगातार 15वें महीने ऑटोमोबाइल सेल में गिरावट देखी गई। इसके अलावा शिपमेंट, फैक्ट्री पावर जनरेशन, रोजगार और मनोरंजन पर होने वाले खर्च में भी कमी आई। आईएमएफ भी अमेरिका, चीन ट्रेड वॉर के बारे में बात करते हुए 2019 की विकास दर को कम किया था, जो कि 2008-09 की तरह ही है, जब वैश्विक मंदी आई थी। चीन इससे निपटने की कोशिश कर रहा है और खरबों यूआन टैक्स कट में खर्च कर रहा है।