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जेनेटिक कोड साबित होते हैं ट्रीटमेंट में मददगार

locationजयपुरPublished: Aug 29, 2019 07:11:21 pm

Submitted by:

ajay Sharma

जयपुर। रेयर वैरायटी के ब्रेस्ट कैंसर को पहचाना जाना बेहद आवश्यक है, जिसे हम मरीज के इलाज के दौरान बिल्कुल भी मिस न करें। इसके लिए जीन सीक्वेंसी तकनीक काफी उपयोगी साबित हो रही है।

cancer workshop

cancer workshop

जयपुर। रेयर वैरायटी के ब्रेस्ट कैंसर को पहचाना जाना बेहद आवश्यक है, जिसे हम मरीज के इलाज के दौरान बिल्कुल भी मिस न करें। इसके लिए जीन सीक्वेंसी तकनीक काफी उपयोगी साबित हो रही है। इस तकनीक से कैंसर की जेनेटिक कोड देखे जाते हैं और उसकी विविधताओं को देखते हुए उपचार निर्धारित किया जाता है। यह जानकारी यहां ब्रेस्ट कैंसर पर आयोजित हो रही इंटरनेशनल कांफ्रेंस से पहले वर्कशॉप में विशेषज्ञों ने दी।
एसोसिएशन ऑफ ब्रेस्ट सर्जन इंडिया, सीतादेवी हॉस्पिटल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जरी विभाग तथा राजस्थान ब्रेस्ट ऑकोलॉजी ग्रुप के संयुक्त तत्वानवधान में आयोजित हो रही तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस एबिस्कॉन 2019 में अलग-अलग विषय पर वर्कशॉप आयोजित की गई।
आयोजन सचिव डॉ. उत्तम सोनी ने बताया किए वर्कशॉप में देश-विदेश से आए एक्सपट्र्स ने ब्रेस्ट कैंसर के डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट की नई तकनीकों की जानकारियां साझा की।वर्कशॉप के कन्वीनर व कोर्स डायरेक्टर डॉ. मनीष चोमाल ने बताया कि कॉन्ट्यूरिंग एंड प्लांनिंग इन सीए ब्रेस्ट थीम पर आयोजित हुई वर्कशॉप में एसएमएस हॉस्पिटल के सीनियर प्रोफेसर डॉ. राजगोविंद शर्मा, बेंगलुरु से आए एक्सपर्ट डॉ. पिचंडी, डॉ. मोहन सहित अन्य एक्सपट्र्स ने ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जा रही नवीनतम रेडियाऑन्कोलॉजी की तकनीकों के बारे में जानकारी दी।

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