By Election in Rajasthan—खींवसर और मंडावा सीट पर जीत के लिए भाजपा ने की ये तैयारी
By Election in Rajasthan—खींवसर और मंडावा सीट पर जीत के लिए भाजपा ने की ये तैयारी
र मंडावा सीट पर जीत के लिए भाजपा ने की ये तैयारी
भाजपा ने नागौर की खींवसर और झुन्झुनु की मंडावा सीट पर उपचुनाव जीतने के लिए बिसात बिछा दी है। इन दोनों ही सीटों पर जीत के लिए भाजपा ने राजेन्द्र राठौड और डॉ अरूण चतुर्वेदी जैसे कददावर नेताओं को जिम्मेदारी दी है। दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भी जीते लिए भाजपा उसी सीक्रेट प्लान को काम में लेने की तैयारी में है जिसे विधान सभा और लोकसभा चुनाव में अपनाया था।
भाजपा ने राजेन्द्र राठौड को झुन्झुनु की मंडावा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरूण चतुर्वेदी को नागौर की खींवसर सीट की जिम्मेदारी दी है। इन दोनों नेताओं को प्रभारी बनाने के साथ बूथ प्रभारी भी बनाए है। यानि की भाजपा बूथ के सहारे ही इन दोनों सीटों को अपने कब्जे में करने की तैयारी कर रही है। प्रदेश में भाजपा ने 51 हजार बूथ समितियां गठित की है।
अगर झुन्झुनु की मंडावा सीट की बात करें तो यहां का प्रभारी राजेन्द्र राठौड को बनाया गया है और उनके साथ सह प्रभारी सुभाष पूनिया को बनाया गया है। इसके साथ ही ओम सारस्वत को बूथ प्रबंधन प्रभारी बनाया गया है। इसी प्रकार खींवसर सीट का जिम्मा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरूण चतुर्वेदी को दिया गया है वहीं पूर्व मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर को सह प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही घनश्याम डागा को बूथ प्रबंधन प्रभारी बनाया गया है।
भाजपा के नेताओं का कहना है कि बूथ प्रबंधन के बिना अब पार्टी के लिए किसी भी चुनाव को जीतना आसान नहीं है। बूथ प्रबंधन का ही परिणाम था कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश में सभी 25 सीटों पर बंपर वोट लेकर जीत हांसिल की थी। दोनों प्रभारी उपचुनाव की सीटों पर अब बूथ मैनेजमेंट के तहत लगातार बैठकें करेंगे। एक बूथ पर 20 से 25 भाजपा कार्यकर्ताओं की समिति होती है जिसकी क्षेत्र के मतदाताओं पर अच्छी पकड़ होती है और ये ही कार्यकर्ता मतदाताओं को मतदान स्थल तक लेकर आते हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर प्रदेश में बूथ समितियां गठित करने की योजना बनाई गई थी। पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर अमित शाह तक कह चुके हैं कि बूथ मजबूत होगा तभी भाजपा मजबूत होगी। ऐसे में यह आसानी से कहा जा सकता है कि दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जीत का पूरा दारोमदार बूथ प्रबंधन पर ही रहेगा।