भाजपा नेताओं का कहना है कि खींवसर सीट गठबंधन के तहत रालोपा को दे दी गई है। इस सीट पर यहां से तीन बाद विधायक रहे सांसद हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल को उतारा है। ऐसे में वहां बेनीवाल का प्रभाव ज्यादा है और उस सीट की हार जीत की गणित से भाजपा को ज्यादा फायदा भी नहीं होगा तो ज्यादा नुकसान भी नहीं होगा।
लेकिन शेखावाटी की मंडावा सीट भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह सीट कांग्रेस का गढ रही है। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी के पिता रामनारायण चौधरी छह बार विधायक रहे है। ऐसे में यहां भाजपा को अपने पैर जमाने की ज्यादा चिंता है। यहां भाजपा ने कांग्रेस से भाजपा में शामिल कराने के बाद सुशीला सींगड़ा को मैदान में उतारा है। अब भाजपा के लगभग 20 नेता मंडावा में डेरा डाले हुए है। जिससे कांग्रेस का गढ कही जाने वाली इस सीट को अपने खाते में ला सके।
खुद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी मंडावा सीट पर अब स्टार प्रचारक के तौर पर पार्टी प्रत्याशी का प्रचार कर रहे हैं। इसके साथ ही उपनेता राजेन्द्र राठौड समेत भाजपा के दिग्गज नेता भी यहां 15 दिनों से प्रचार में जुटे हैं। वैसे खींवसर का प्रभारी पूर्व मंत्री डॉ अरूण चतुर्वेदी को बनाया गया है लेकिन वे वहां सिर्फ पर्यवेक्षक की भूमिका से ज्यादा प्रभाव में नहीं है। क्योंकि इस सीट पर सांसद हनुमान बेनीवाल का दबदबा है।