मोदी सरकार ने जब 5 जुलाई को केन्द्रीय बजट पेश किया तब जयपुर में पेट्रोल की कीमत 71 रुपए 15 पैसे और डीजल 66 रुपए 65 पैसे प्रति लीटर थी। मोदी सरकार के बजट पेश करने के अगले ही दिन पेट्रोल के भाव 4 रुपए 51 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के साथ 75 रुपए 66 पैसे तक पहुंच गए। वहीं, डीजल के भाव 4 रुपए 49 पैसे प्रति लीटर के ईजाफे के साथ 71 रुपए 14 पैसे हो गए। गहलोत सरकार के बजट पेश करने के अगले दिन यानी आज जयपुर में पेट्रोल के भाव 76 रूपए 70 पैसे और डीजल के दाम 71 रूपए 36 पैसे प्रति लीटर हो गए हैं। यानी कि मोदी सरकार के बजट से लेकर गहलोत सरकार के बजट तक पेट्रोल 5 रुपए 55 पैसे और डीजल 4 रूपए 71 पैसे महंगे हो गए। दोनों सरकारों ने जनता को राहत देने की घोषणाएं की हैं, वो तो जाने कब पूरी होंगी। लेकिन पेट्रोल-डीजल की महंगाई की मार जनता पर 6 मई से ही पड़ना शुरू हो चुकी है।
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार हो या राज्य की अशोक गहलोत सरकार। दोनों ही सरकारों ने सेस, उत्पाद शुल्क और वेट बढ़ाकर जनता की जेब पर भार डालकर खजाना भरने की जुगत कर ली है। मोदी और गहलोत सरकार के फैसले से आज के दिन लोगों को पेट्रोल 5 रुपए 55 पैसे प्रति लीटर और डीजल 4 रुपए 71 पैसे महंगा खरीदना पड़ रहा है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की महंगाई की मार जनता पर पड़ रही है, जबकि मोदी और गहलोत सरकार का खजाना भर रहा है। डीजल महंगा होने से उपभोक्ता वस्तुओं का परिवहन महंगा होगा। तो पेट्रोल की कीमत बढ़ने से कामकाजी लोगों का बजट बिगड़ेगा।