शहर के एक निजी अस्पताल में 32वें हफ्ते की गर्भवती महिला की जटिल ब्रेन सर्जरी कर बड़ा ट्यूमर निकाला गया। गर्भावस्था के अंतिम चरणों में एक सफल ब्रेन ट्यूमर सर्जरी करना कम ही सुना गया है और अस्पताल का दावा है कि यह केस देश के पहले कुछ दर्ज केसों में से एक है।
लक्षण बढ़े तब लिया चिकित्सीय परामर्श -:
धौलपुर की नगीना त्यागी (30) के गर्भवती होने के बाद उल्टियां और जी घबराने जैसे लक्षण सामने आ रहे थे जिन्हें गर्भावस्था के सामान्य लक्षण मानते हुए उन्होंने ध्यान नहीं दिया। लेकिन कुछ समय बाद जब उनकी उल्टियों की संख्या इतनी बढ़ गई कि खाना-पीना तक मुश्किल हो गया तो उन्होंने इसका चिकित्सीय परामर्श लिया। जांच में सामने आया कि उनके दिमाग में एक बड़ा ट्यूमर है जो ब्रेन स्टेम पर बहुत दबाव डाल रहा था, जिससे मरीज को लगातार उल्टियां हो रही थी। उनके परीजन उन्हें जयपुर के नारायणा अस्पताल लाए जहां न्यूरोसर्जन एवं ब्रेन ट्यूमर स्पेशियलिस्ट डॉ.के.के.बंसल ने उनका उपचार किया।
न्यूरो सर्जन डॉ.के.के.बंसल ने बताया कि मरीज का उपचार करना बहुत मुश्किल था और हमारे पास दो रास्ते थे। पहला महिला की डिलीवरी होने तक इंतजार करें, जिसमें मां और गर्भस्थ शिशु की जान को खतरा था क्योंकि मरीज को लगातार उल्टियां होने के कारण उसके पेट में कुछ टिक नहीं रहा था और शिशु को भी आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल रहे थे जिससे गर्भपात होने की संभावना थी। दूसरा विकल्प था कि महिला की तुरंत सर्जरी की जाएं, लेकिन सर्जरी करने में भी यह रिस्क था कि सर्जिकल स्ट्रेस के कारण ऑपरेशन टेबल पर ही प्री.मैच्योर डिलीवरी हो सकती थी। ऐसे में सभी जोखिमों और फायदों का गहराई से विश्लेषण करने के बाद हमने दूसरे विकल्प का चुनाव किया।
करीब पांच घंटे की इस सर्जरी में मरीज के दिमाग से ट्यूमर निकाल दिया गया। सर्जरी में माइक्रो सर्जिकल तकनीक का इस्तेमाल किया गया। हॉस्पिटल के क्लिनिकल डायरेक्टर व एनेस्थिसिया एवं क्रिटीकल केयर विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप गोयल ने बताया कि सर्जरी में एक गर्भवती को एनेस्थिसिया देने में काफी चुनौतियां होती है, क्योंकि उसमें एक नहीं, बल्कि दो जिंदगियों का ध्यान रखना होता है।