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राजस्थान उपचुनाव: भाजपा ने कांग्रेस के कुनबे में सेंध लगाकर चौंकाया, दो महिला उम्मीद्वारों के बीच होगी सीधी टक्कर

locationजयपुरPublished: Sep 29, 2019 04:39:11 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

Rajasthan Byelection 2019: मंडावा के उप चुनाव में मुकाबला काफी रोचक हो गया है। भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी बनाई गई पूर्व विधायक रीता चौधरी (Rita Choudhary) के सामने कांग्रेस में ही उनकी प्रतिद्वन्द्वी रही सुशीला सींगड़ा (Sushila Sigda) को उम्मीदवार बना दिया।

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सुरेश व्यास/जयपुर। राजस्थान के मंडावा विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उप चुनाव (Mandawa Byelection 2019) में प्रत्याशी चयन को लेकर परिवारवाद की तोहमत से बचने के लिए भाजपा ने कांग्रेस के कुनबे में ही सेंध लगा दी। झुंझुनूं पंचायत समिति के प्रधान पद पर कांग्रेस से हैट्रिक लगा चुकी सुशीला सीगड़ा (Susheela Sigda) को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बना न सिर्फ कांग्रेस बल्कि खुद भाजपा के स्थानीय नेताओं को भी चौंका दिया। सींगड़ा को गत विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस से निलम्बित कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोई अन्य पार्टी ज्वाइन नहीं की थी। रविवार को टिकट की घोषणा होने से डेढ़ घंटा पहले ही उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली।
मुकाबला काफी रोचक
मंडावा के उप चुनाव में मुकाबला काफी रोचक हो गया है। भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी बनाई गई पूर्व विधायक रीता चौधरी के सामने कांग्रेस में ही उनकी प्रतिद्वन्द्वी रही सुशीला सींगड़ा को उम्मीदवार बना दिया। हालांकि विधायक से सांसद बने नरेंद्र खीचड़ की जगह उनके ही परिवार को टिकट दिए जाने का भाजपा पर दबाव था, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने परिवारवाद के आरोप से बचने के लिए कांग्रेस के घर में ही सैंध लगाकर चौंका दिया। अब मंडावा में दो महिला उम्मीद्वारों के बीच सीधी टक्कर होना तय है।
मंडाला कांग्रेस का गढ़
दरअसल, मंडावा कांग्रेस का गढ़ रहा है। यहां से पिछले साल दिसम्बर में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के नरेंद्र खीचड़ ने जीत हासिल की थी। इसके बाद मई में लोकसभा चुनाव हुए तो पार्टी ने खीचड़ को मैदान में उतार दिया। उनकी जीत के बाद खाली हुई सीट को बचाए रखना भाजपा के लिए चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में खीचड़ के पुत्र अतुल पर दाव खेलने का दबाव बनता दिख रहा था, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस से निलंबित चल रही सीगड़ा पर दांव खेल दिया। हालांकि इससे भाजपा का एक गुट नाराज हो सकता है, लेकिन कांग्रेस की रीटा चौधरी के लिए भी उन्हीं के कुनबे की प्रतिद्वन्द्वी से मुकाबला आसाना नहीं रहेगा।
कौन है सुशीला सींगड़ा
सुशीला सींगड़ा 1981 से 1988 तक प्रधान रही। कांग्रेस नेता के नेता बृजलाल सीगड़ा की पुत्रवधु। उम्र है 54 साल और शैक्षणिक योग्यता है मैट्रिक। सुशीला भी लगातार कांग्रेस के टिकट पर झुंझुनुूं पंचायत समिति से प्रधान चुनी जा रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में हारी दिग्गज कांग्रेस नेता रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा की शिकायत पर कांग्रेस ने सुशीला को अन्य नेताओं के साथ निलंबित कर दिया था, लेकिन वे पार्टी में ही थी। इस फूट का फायदा उठाने के लिए भाजपा ने सुशीला पर दांव खेल दिया।
भाजपा को जाट बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र में सुशीला के सहारे नैय्या पार लगने की उम्मीद इसलिए भी है कि सुशीला जिस झुंझुनूं पंचायत समिति की लगातार तीन बार प्रधान चुनी जा रही है, उसकी 14 ग्राम पंचायतें मंडावा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। इसके अलावा सुशीला व उनका परिवार दिग्गज नेता शीशराम ओला का भी निकटस्थ रहा है। ऐसे में उनका जमीनी आधार है और कांग्रेस की फूट का भी पार्टी को सीधा फायदा मिलने की संभावना नजर आ रही है। सुशीला वर्ष 2000 से 2005 तक पहली बार प्रधान चुनी गई। फिर 2005 से 2010 तक जिला परिषद की सदस्य रही और 2010 से लगातार प्रधान पद पर आसीन है।
कांग्रेस ने फिर रीटा चौधरी को बनाया प्रत्याशी
कांग्रेस ने फिर रीटा चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। मंडावा कांग्रेस का गढ़ रहा है और पिछले विधानसभा में भाजपा को पहली बार यहां से बहुत कम अंतर से खाता खोलने का मौका मिला। भाजपा के नरेंद्र खीचड़ ने रीटा चौधरी को 2346 मतों से हराया था। रीटा के पिता रामनारायण चौधरी का मंडावा में दबदबा रहा है। रीटा उनकी विरासत को संभाल रही है और उनका क्षेत्र में अपना अलग जनाधार है। रीटा ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे डॉ. चंद्रभान के खिलाफ बगावत की थी और 2013 में डॉ. चंद्रभान दिग्गज नेता शीशराम ओला के समर्थन के बावजूद जमानत तक नहीं बचा पाए थे।
दोनों प्रत्याशी सोमवार को नामांकन पत्र करेंगे दाखिल
मंडावा में दोनों ही दलों के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद तस्वीर साफ हो गई है। दोनों प्रत्याशी सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। शक्ति प्रदर्शन भी होगा, लेकिन यह तय है कि शेखावाटी के इस कांग्रेसी गढ़ में लगी सैंध बरकरार रखना भाजपा के लिए और खोयी हुई प्रतिष्ठा वापस हासिल करने की कांग्रेस की कोशिश के चलते मुकाबला रोचक होगा।

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