वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खासमखास और सरकार में सबसे ताकतवर मंत्री यूनुस खान का नाम भी पहली सूची में घोषित नहीं हुआ जो राजनीतिक गलियारों के साथ ही नौकरशाहों के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है। युनूस खान को टिकट मिलेगा या नहीं इस पर अभी संशय बरकरार है।
हालांकि जानकारों की माने तो युनूस खान को टिकट दिलवाने के लिए पार्टी मुख्यमंत्री राजे पूरा जोर लगाए हुए हैं। जानकारों की माने तो पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में नहीं उतारा था, अब पार्टी हिंदुत्व के फॉर्मूले का राजस्थान में भी प्रयोग कर रही है।
2013 में दिए थे चार टिकट 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने चार सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा था, जिनमें से 2 प्रत्याशी हारे थे और दो प्रत्याशियों को जीत मिली थी। इनमें धौलपुर, डीडवाना और नागौर है। वहीं कांग्रेस से 16 मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा था, जहां कांग्रेस के सभी 16 प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा था।
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