चाहे सुखाडिया का सियासी युग हो या फिर शेखावत का। गणतंत्र दिवस और स्वाधीनता दिवस के अवसर पर राजधानी जयपुर का ह्दय स्थल कहा जाने वाला बड़ी चौपड़ अनूठी सियासत का साक्षी बनता है। बताया जाता है कि जयपुर के बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण की परंपरा आजादी के बाद कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे गोकुल भाई भट्ट के समय से शुरू हुई थी।
बड़ी चौपड़ पर पहले झंडारोहण सत्तापक्ष की ओर से होता है और ठीक उसके बाद विपक्षी दल के नेता राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इस आयोजन की खास बात यह है कि बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण कार्यक्रम का आयोजन दोनों दलों की जिला यूनिट करती हैं। बड़ी चौपड़ पर होने वाले इस आयोजन के लिए यहां तिरंगा फहराने का ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ भी निर्धारित किया हुआ है।
पहले सत्ता पक्ष और फिर विपक्षी पार्टी को यह अवसर मिलता है। सत्ता पक्ष के लिए बनाए गए मंच का मुंह रामगंज चौपड़ की तरफ देखता हुआ होता है और विपक्षी पार्टी के मंच का मुंह सांगानेरी गेट की तरफ देखता हुआ बनाया जाता है। शहर कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास हैं तो वहीं भाजपा के शहर अध्यक्ष मोहन लाल गुप्ता हैं।
सत्ता पक्ष की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री और विपक्षी दल के कार्यक्रम में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ध्वजारोहण करते हैं। इस बार राज्य में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में कांग्रेस को सत्ता पक्ष होने के नाते पहले झंडारोहण फहराने का मौका मिलेगा। दोनों दलों की ओर से बड़ी चौपड़ पर आयोजित होने वाले झंडारोहण कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं।