दरअसल, आगरा रोड पर जामडोली, सुमेल, विजयपुरा, बगराना तक दर्जनों कॉलोनियां विकसित हो चुकी है लेकिन यहां पर पेयजल आपूर्ति की सरकारी व्यवस्था के अभाव में लोगों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ता है। स्थानीय लोगों की मांग के बाद विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया। जामडोली प्रोजेक्ट के लिए 2018 में ही करीब 78 करोड़ रुपए की पेयजल योजना को प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति मिल गई थी। लेकिन चुनावी आचार संहिता लग जाने और तकनीकी कारणों के चलते काम शुरू होने में देरी हुई। लेकिन क्षेत्रीय विधायक रफीक खान के प्रयासों से प्रोजेक्ट का काम गति पकड़ने लगा है। शुभारंभ के अवसर पर क्षेत्रीय विधायक रफीक खान ने बताया कि पोल्ट्री फॉर्म पर उच्च जलाशय के शुभारंभ के साथ ही यहां पर इस पूरे प्रोजेक्ट का नक्शा लगवाया गया है ताकि स्थानीय लोग यह देख सकें कि प्रोजेक्ट के तहत उनके एरिया में काम हुआ है या नहीं। साथ ही इस बात की जानकारी भी स्थानीय लोगों को मिल सकेगी कि योजना के तहत कौन कौन से एरिया लाभान्वित होंगे। विधायक रफीक खान ने जामडोली पेयजल परियोजना के पोल्ट्री फार्म स्तिथ उच्च जलाशय के साथ ही इस जलाशय को भरने वाली 600 एमएम की डीआई राइजिंग लाइन, 180 एमएम व्यास एचडीपीई की वितरण पाइपलाइन के काम का शुभारंभ किया।
आठ जगह बनेंगी टंकियां
जामडोली प्रोजेक्ट के तहत आठ स्थानों पर उच्च जलाशय यानि पानी की टंकियां बनाई जाएंगी। ये उच्च जलाशय पोल्ट्री फॉर्म, बल्लुपुरा, केशव विद्यापीठ, जामडोली, बगराना, वृंदावन विहार, गणेश विहार, सुमेल में बनाए जाएंगे। शनिवार को पोल्ट्री फॉर्म में बनाए जाने वाले 15 लाख लीटर क्षमता के उच्च जलाशय के कामकाज का क्षेत्रीय विधायक ने शुभारंभ किया। प्रोजेक्ट के अधीक्षण अभियंता शुभांशू दीक्षित ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत क्षेत्र में करीब 43 किलोमीटर लंबी डीआई और करीब 302 किलोमीटर लंबी एचडीपीआई की सप्लाई और लेयिंग लाइन डाली जाएंगी। 2051 में 1 लाख 64 हजार से ज्यादा की आबादी को ध्यान में रखकर पेयजल आपूर्ति सिस्टम विकसित किया जाएगा। स्काडा सिस्टम भी लगाया जाएगा। प्रोजेक्ट का काम पूरा होने पर प्रतिदिन करीब 14 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जाएगी जो कि 2051 तक बढ़कर 31 मिलीयन लीटर का अनुमान है।