गौरतलब है कि शहर में पिछले वर्ष अगस्त से 30 फीसदी तक पानी की कटौती की जा रही है। इसके बाद करीब 1 हजार ट्यूबवेल से अतिरिक्त पानी लेना शुरू करना पड़ा। शहर में 70 फीसदी से ज्यादा इलाके में जलदाय विभाग की पेयजल लाइन है, ऐसे में 30 लाख आबादी कटौती की चपेट में है।
13.50 टीएमसी पानी की गणित… -11 टीएमएसी पानी की जरूरत है जयपुर, टोंक, अजमर व दौसा को एक वर्ष में -11.50 टीएमसी पानी की आवक हो चुकी है अब तक -1 टीएमसी पानी वाष्पीकृत हो जाता है
-1 टीएमसी पानी पेटाकाश्त व चोरी में -13.50 टीएमसी की पानी की जरूरत इस तरह एक वर्ष के लिए बांध से ज्यादा सप्लाई नहीं बढ़ाएगा विभाग.. अफसरों ने तय किया है भले ही बांध में पानी की आवक हो रही है, लेकिन वहां से फिलहाल पानी की सप्लाई नहीं बढ़ाई जाएगी। अभी बांध से 335 एमएलडी पानी प्रतिदिन ले रहे हैं, जबकि पिछल वर्ष 460 एमएलडी ली गई। इसी तरह अभी ट्यूबवेल से 208 एमएलडी पानी की सप्लाई जबकि पिछले साल केवल 70 एमएलडी थी। यानि, ट्यूबवेल से 138 एमएलडी पानी प्रतिदिन अतिरिक्त खींच रहे हैं।
-अगले दो वर्ष में पेयजल सप्लाई के लिए बांध लेवल 313 मीटर होना जरूरी है, इसी आधार पर प्लानिंग की जा रही है। अभी पानी की आपूर्ति से बढ़ाने की जरूरत नहीं है, इसलिए बांध से अतिरिक्त पानी नहीं लेंगे। जरूरत होने पर ही कटौती खत्म या पानी की सप्लाई बढ़ाई जा सकती है। -देवराज सोलंकी, अतिरिक्त मुख्य अभियंंता, जलदाय विभाग