बैंगलुरू की एडवोकेट्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में न्यायाधीशों व मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति और उनके तबादले तथा सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों की नियुक्ति से जुड़े विवादों को गिनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) रंजन गोगोई को पत्र लिखा है। यह पत्र ऐसे समय लिखा गया है, जब सीजेआई गोगोई का कार्यकाल अंतिम पड़ाव पर है और न्यायाधीश एस ए बोबड़े के नए सीजेआई बनने की तैयारियां चल रही हैं। इस पत्र में कॉलेजियम के निर्णय पर सवाल उठाया गया है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति और तबादलों के फैसलों को लेकर उचित स्पष्टीकरण का अभाव दिख रहा है और न्यायाधीशों के तबादले में केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप का अहसास हो रहा है। खासकर उस परिस्थिति में जब न्यायाधीश ताहिलरमानी ने भी कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीश जयंत पटेल की तरह ही इस्तीफा दे दिया है। न्यायाधीश पटेल ने वरिष्ठता के बावजूद उनके नाम की हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश के रूप में सिफारिश नहीं किए जाने को लेकर इस्तीफा दिया था, जबकि न्यायाधीश ताहिलरमानी ने उन्हें मद्रास से मेघालय भेजे जाने को लेकर इस्तीफा दिया है। एसोसिएशन ने न्यायाधीश केएम जोसेफ और न्यायाधीश एस बोपन्ना को देरी से सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बनाने और न्यायाधीश डीएच वाघेला के तबादले से जुड़े विवाद का भी जिक्र किया है।
न्यायाधीश नंद्राजोग को लेकर भी रहा विवाद
राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे प्रदीप नंद्राजोग को पिछले साल कॉलेजियम द्वारा सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बनाने की खबरें आ रही थी, लेकिन कॉलेजियम की सिफारिश बाहर नहीं आई और कुछ ही समय बाद दो हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीशों सहित दिल्ली हाईकोर्ट के तीन—तीन वरिष्ठ न्यायाधीश को छोड़कर वरिष्ठता में उनसे नीचे के न्यायाधीश संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बना दिया गया। सीजे नंद्राजोग के सुप्रीम कोर्ट नहीं जाने पर राजस्थान बार काउंसिल और न्यायाधीश अकील कुरैशी का गुजरात हाईकोर्ट से तबादला किए जाने पर गुजरात के वकीलों के संगठन भी विरोध में सामने आ चुके हैं।
न्यायाधीश नंद्राजोग को लेकर भी रहा विवाद
राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे प्रदीप नंद्राजोग को पिछले साल कॉलेजियम द्वारा सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बनाने की खबरें आ रही थी, लेकिन कॉलेजियम की सिफारिश बाहर नहीं आई और कुछ ही समय बाद दो हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीशों सहित दिल्ली हाईकोर्ट के तीन—तीन वरिष्ठ न्यायाधीश को छोड़कर वरिष्ठता में उनसे नीचे के न्यायाधीश संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बना दिया गया। सीजे नंद्राजोग के सुप्रीम कोर्ट नहीं जाने पर राजस्थान बार काउंसिल और न्यायाधीश अकील कुरैशी का गुजरात हाईकोर्ट से तबादला किए जाने पर गुजरात के वकीलों के संगठन भी विरोध में सामने आ चुके हैं।