नागौर में ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल
नागौर में बड़ी असमंजस की स्थिति है। हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा पिछला लोकसभा चुनाव भी आमने-सामने लड़े थे, लेकिन बेनीवाल एनडीए प्रत्याशी थे और ज्योति कांग्रेस प्रत्याशी। इस बार ज्योति भाजपा की प्रत्याशी हैं तो बेनीवाल कांग्रेस के ‘इंडिया’ गठबंधन के। पिछली बार बेनीवाल जीते थे, मगर उलट मुकाबले में क्या होगा यही असमंजस है। हालांकि बेनीवाल का जनता से सीधा जुड़ाव बड़ा प्लस प्वाइंट है। इस बार कमल के साथ चुनाव लड़ रहीं ज्योति क्या हनुमान से हिसाब चुकता कर पाएंगी? यह सवाल इसलिए अहम है कि ज्योति पिछला विधानसभा चुनाव कमल के निशान पर हरेंद्र मिर्धा से हार चुकी हैं। लोकसभा चुनाव में क्या मोदी फैक्टर उनकी नैय्या पार लगा देगा यह सवाल हर जुबान पर है।
अनुसूचित जाति…..
अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व भरतपुर सीट पर कांग्रेस ने नए और युवा चेहरे के रूप में कठूमर (अलवर) की रहने वाली संजना जाटव को मैदान में उतारा जो भाजपा के अनुभवी रामस्वरूप कोली से डटकर मुकाबला कर रहीं है। लेकिन इस सीट पर भरतपुर निवासी राज्य के मुयमंत्री भजन लाल का फैक्टर संजना के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। भजन लाल ने आरक्षण से वंचित भरतपुर और धौलपुर के जाटों के मामले में तुरत-फुरत में कमेटी के गठन की पहल की है। इधर, गहलोत सरकार में मंत्री रहे विश्वेंद्र सिंह ने भी आऱक्षण के मामले में मुयमंत्री भजन लाल के प्रयासों की सराहना कर संजना की परेशानी बढ़ाई है। मगर सबसे कम उम्र की प्रत्याशी संजना अपना पूरा जोर लगा रही हैं।