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जयपुर

व्यवस्थापक बने अपात्रों के साथ उन्हें भर्ती करने वालों की भी होगी पहचान

-भर्ती में हुई धांधली की जांच के लिए राज्य स्तरीय कमेटी गठित
-जालोर के अब सभी जिलों की होगी पड़ताल

जयपुरApr 28, 2024 / 02:04 pm

Om Prakash Sharma

जयपुर. गत सरकार में ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जीएसएस) में व्यवस्थापकों (मैनेजर) की भर्ती में हुई धांधली की अब जांच होगी। इसके लिए सरकार ने राज्य स्तरीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी भर्ती के लिए बदली प्रक्रिया के साथ नियमित होने वाले अपात्र व उन्हें भर्ती करने वाले अधिकारियों की पहचान करेगी। कमेटी में सहकारी विभाग के अधिकारियों के साथ विधि व लेखा अधिकारी भी शामिल किए गए हैं।सहकारिता विभाग ने 28 जुलाई, 2022 को जीएसएस में संविदा पर लगे सहायक व्यवस्थापकों को नियमित करने के लिए स्क्रीनिंग के आदेश दिए थे। इसमें तय किया था कि वर्ष 2017 से पहले कार्यरत सहायक व्यवस्थापक ही पात्र होंगे। इसके बाद कई बदलाव किए गए।कमेटी इन मुद्दों की करेगी जांच
कलक्टरों को क्यों हटाया:- केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रशासक के नाते जिला स्तर की स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष कलक्टर होता है। इस बार स्क्रीनिंग से पहले खंडीय रजिस्ट्रार को अध्यक्ष बनाया गया।

हाईकोर्ट के आदेश बाद भी स्क्रीनिंग जारी क्यों रही:- राजस्थान हाईकोर्ट ने 30 सितम्बर 2022 को स्टे आदेश दिया। इसके बाद भी न जिला स्तर पर, न ही विभाग स्तर पर कोई आदेश जारी किए गए। करीब नौ माह बाद जुलाई 2023 के पहले सप्ताह में रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से निर्देश दिए गए कि हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश सभी जिलों के लिए प्रभावी रहेगा। तब तक अधिकतर जिलों में स्क्रीनिंग हो चुकी थी।
अपात्रों को भर्ती करने के लिए किस रिकॉर्ड में की कांट-छांट: नियमों के मुताबिक वर्ष 2017 से पहले संविदा पर कार्यरत सहायक व्यवस्थापक ही स्क्रीनिंग के लिए पात्र था। इसके बाद भी कई ऐसों को भर्ती कर लिया, जिनके पास इतना अनुभव नहीं था। इसके लिए कागजों में उनकी नियुक्ति दर्शा दी। अब इनकी जांच कमेटी करेगी।
ये हैं कमेटी में शामिलअतिरिक्त रजिस्ट्रार राजीव लोचन

तकनीकी सहायक (रजिस्ट्रार कार्यालय) कार्तिकेय मिश्र

सहायक रजिस्ट्रार मॉनिटरिंग शिरीष चांदे

कनिष्ठ विधि अधिकारी

लेखाधिकारी निरीक्षण

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