लवीश भंडारी और अमरेश दुबे की ओर से हाल ही में की गई स्टडी के मुताबिक 2011-12 में 43.3 करोड़ रोजगार थे, जो 2017-18 में बढ़कर 45.7 करोड़ हो गए।
मेहरोत्रा और पारिदा के मुताबिक रोजगार इन्हीं आधार वर्ष में 47.4 करोड़ से घटकर 46.5 करोड़ रह गए। यानी 90 लाख नौकरियां घटीं।
हिमांशु की रिपोर्ट के मुताबिक इन्हीं छह सालों के दौरान रोजगार 47.3 से घटकर 45.7 करोड़ रह गए।
किस क्षेत्र में कितने रोजगार (करोड़ में)
क्षेत्र 2011-12 2017-18
कृषि 23.19 20.53
मैन्यूफैक्चरिंग 5.98 5.64
नॉन मैन्यूफैक्चरिंग 5.53 5.89
सर्विस 12.73 14.44
कुल 47.42 46.51
युवाओं (15 से 29 वर्ष) को कितने रोजगार (करोड़ में)
क्षेत्र 2011-12 2017-18
कृषि 6.07 4.18
मैन्यूफैक्चरिंग 2.21 1.85
नॉन मैन्यूफैक्चरिंग 1.94 1.78
सर्विस 3.57 3.76
कुल 13.80 11.57
सीएमआइई ने किया था सुधार का दावा
इससे पहले सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआइई) का सर्वे आया था। जिसमें कहा गया है कि मई से अगस्त के बीच करीब 40 करोड़ 49 लाख लोगों के पास नौकरियां थीं, जबकि पिछले साल इसी दौरान 40 करोड़ 24 लाख लोगों के पास नौकरी थी। सीएमआइई के मुताबिक त्रिपुरा, हरियाणा और हिमाचल में लोगों को नौकरियां ढूंढऩे पर भी नहीं मिल रही हैं। त्रिपुरा में बेरोजगारी दर 2&.& फीसदी रेकॉर्ड की गई है। वहीं सीएमआइई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बेरोजगारी दर अक्टूबर महीन में तीन साल के उ’चतम स्तर पर पहुंच गई है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने बेरोजगारी दर 8.5 फीसदी रही, जो अगस्त 2016 के बाद का उ’चतम स्तर है।