सेंटर फॉर रिसर्च के अबू सलेह शरीफ ने बताया कि मतदाता सूची के इस आकंड़ों के बाद हमनें रेंडम एकल मतदाताओं के घर गए। वहां देखने को मिला कि उनके परिवार में सदस्य तो ज्यादा हैं। उनके मतदाता पहचान पत्र भी बने हुए हैं, लेकिन मतदाता सूची से नाम गायब हैं। इसको लेकर सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई।
कम से कम 20 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम गायब
इसमें गुजरात विधानसभा विधायक मेवानी ने राजस्थान मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि रानी महल में है और सारे वोटर हवा में। यदि हवामहल का 34 प्रतिशत एकल परिवार से मतदाता गायब है तो राजस्थान में कम से कम 20 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम गायब हैं। इनका तुंरत पंजीकरण होना चाहिए। यदि ये नहीं होगा तो ये निर्वाचन आयोग के लिए शर्म का विषय होगा। मेवानी ने कहा कि मतदाता पहचान पत्र नहीं है तो हो सकता है उस पात्र को बीपीएल कार्ड भी नहीं मिले। वो भी नहीं होने से कई योजनाओं से वंचित रह जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी का कैंपेन में लाखों की संख्या में शौचालय बनाना है लेकिन जिनके पास पहचान पत्र ही नहीं है वे कैसे शौचालय बनाएंगे। कहां से राशन मिलेगा। पात्रों का नाम कैसे मतदाता सूची से गायब हो गया ये तो चमत्कार ही है। अब आयोग बताए कि ये चमत्कार कैसे हुआ है।