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कोटा में 100 बच्चों की मौत: भाजपा ने सीएम गहलोत से मांगा इस्तीफा

locationजयपुरPublished: Jan 02, 2020 09:40:03 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

कोटा के जे.के. अस्पताल में 100 से अधिक बच्चों की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा ने बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कोटा में बच्चों की मौत पर सरकार को गैर जिम्मेदार बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के इस बयान से कि “मौतें तो होती रहती है” से पूरे प्रदेश को दुख पहुँचा है। उन्होंने कहा कि इतना बड़ी घटना होने के बावजूद भी हाॅस्पिटल में न तो मुख्यमंत्री गए न ही किसी अन्य मंत्री को वहां भेजा।

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जयपुर
कोटा के जे.के. अस्पताल में 100 से अधिक बच्चों की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा ने बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कोटा में बच्चों की मौत पर सरकार को गैर जिम्मेदार बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के इस बयान से कि “मौतें तो होती रहती है” से पूरे प्रदेश को दुख पहुँचा है। उन्होंने कहा कि इतना बड़ी घटना होने के बावजूद भी हाॅस्पिटल में न तो मुख्यमंत्री गए न ही किसी अन्य मंत्री को वहां भेजा। उन्होंने महज प्रशासनिक व्यक्ति को वहां भेज कर लीपापोती कर दी। इससे यह स्पष्ट हो गया कि सरकार इस मामले पर कितनी लापरवाही से काम कर रही है।
पूनिया ने कहा कि उनके दौरे के बाद सरकार हरकत में आई लेकिन मात्र कागजी कार्रवाई तक ही सीमित रही। मौतों का सिलसिला अभी भी नहीं रुक पाया है। कोटा में 100 बच्चों की मौत पर सरकार अपनी नाकामी को लेकर प्रदेश की जनता को जवाब दें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में प्रदेश की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। कांग्रेस सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है, इसलिए नैतिकता के नाते मुख्यमंत्री व चिकित्सा मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए।
पूनिया ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का एक साल का कार्यकाल असफलता वाला रहा। सरकार की लापरवाही की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले नवम्बर महीने में पक्षियों की मौत के मामले पर भी सरकार, हाईकोर्ट के प्रसंज्ञान के बाद ही जागी थी। कांग्रेस झूठे वादे करके कि बेरोजगारों को भत्ता देंगे, किसानों का ऋण माफ करेंगे, लेकिन सरकार बनते ही उन सारे वादों को भूला दिया। बेरोजगारों को अपनी मांग रखने के लिए धरने पर बैठना पड़ता है, पानी की टंकियों पर चढ़ना पड़ता है, फिर भी सरकार के कानों में जूं भी नहीं रेंगती। किसानों को कहां तो कांग्रेसी ऋण माफी के लिए कह रहे थे, जबकि टिड्डी दल के हमलों से किसानों की फसल चौपट हो गई और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। कानून व्यवस्था में तो इस सरकार की असफलता का डंका पूरे भारत में बोल रहा है। सच तो यह है कि कांग्रेस सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है।
सीएम का बयान अमानवीय
डाॅ. पूनियां ने कहा यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है, मौतों का आंकड़ा 100 के करीब पहुंच चुका है फिर भी मुख्यमंत्री संज्ञान नहीं ले रहे। अस्पताल में सफाई की व्यवस्था बिल्कुल बिगड़ी हुई है, संक्रमण की पूरी संभावना है, आईसीयू में चूहे यहां-वहां घूम रहे हैं। सरकार इस मामले पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। उस पर मुख्यमंत्री का अनैतिक बयान कि मौतें तो होती रहती है, बिल्कुल अमानवीय है। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री का यह कहना कि वहां भाजपा के पूर्व मंत्री पर्यटन के लिए गए हैं, अफसोसजनक है। पूर्व मंत्री जब वहां गए तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके साथ धक्का-मुक्की की गई।
कांग्रेस इस मामले पर सियासत कर रही है, यह स्थिति बहुत ही विस्फोटक है। इस तरीके का नजारा कभी राजस्थान में देखने को नहीं मिला। हमारे तीन डेलिगेशन वहां गए, हम कोई सियासत नहीं कर रहे हैं, ना ही कोई राजनीति कर रहे हैं। इतना सब होने पर भी अगर सरकार नहीं जागती है तो फिर हमें वहां पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ेगा।
डाॅ. पूनियां ने कहा भाजपा के उन तमाम विधायकों को धन्यवाद दिया जिन्होंने तत्काल अस्पताल की स्थिति को सुधारने के लिए 50 लाख की सहायता दी, लेकिन फिर भी एक बेड पर 3-3 बच्चे हैं, सरकार उन्हें अलग से बेड भी उपलब्ध नहीं कर पा रही है।
फिर भी नहीं जागी संवेदना
लोकसभा अध्यक्ष एवं कोटा के सांसद ओम बिरला ने आॅक्सीजन लाइन के लिए पैसे दिए। वहां पर भाजपा के संसदीय दल ने रायशुमारी की, महिलाओं से मिले तो, उन्होंने चौकाने वाला बयान दिया कि हम दुनिया की किसी भी अदालत में इस सरकार के खिलाफ जा सकते हैं, हमारी कोख उजड़ी है, इसके बाद भी सरकार की संवेदना नहीं जागी। यह अफसोसजनक है, सरकार की कमेटी ने मौतों का कारण सामान्य इंफेक्शन बताया है, जबकि अधिक ठंड से बचने के संसाधन उस अस्पताल में बिल्कुल नहीं है, जिस पर सरकार पर्दा डाल रही है और सामान्य इन्फेक्शन बताकर इस मामले को रफा-दफा करना चाहती है।
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