डाॅ. पूनियां ने कहा यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है, मौतों का आंकड़ा 100 के करीब पहुंच चुका है फिर भी मुख्यमंत्री संज्ञान नहीं ले रहे। अस्पताल में सफाई की व्यवस्था बिल्कुल बिगड़ी हुई है, संक्रमण की पूरी संभावना है, आईसीयू में चूहे यहां-वहां घूम रहे हैं। सरकार इस मामले पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। उस पर मुख्यमंत्री का अनैतिक बयान कि मौतें तो होती रहती है, बिल्कुल अमानवीय है। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री का यह कहना कि वहां भाजपा के पूर्व मंत्री पर्यटन के लिए गए हैं, अफसोसजनक है। पूर्व मंत्री जब वहां गए तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके साथ धक्का-मुक्की की गई।
कांग्रेस इस मामले पर सियासत कर रही है, यह स्थिति बहुत ही विस्फोटक है। इस तरीके का नजारा कभी राजस्थान में देखने को नहीं मिला। हमारे तीन डेलिगेशन वहां गए, हम कोई सियासत नहीं कर रहे हैं, ना ही कोई राजनीति कर रहे हैं। इतना सब होने पर भी अगर सरकार नहीं जागती है तो फिर हमें वहां पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ेगा।
डाॅ. पूनियां ने कहा भाजपा के उन तमाम विधायकों को धन्यवाद दिया जिन्होंने तत्काल अस्पताल की स्थिति को सुधारने के लिए 50 लाख की सहायता दी, लेकिन फिर भी एक बेड पर 3-3 बच्चे हैं, सरकार उन्हें अलग से बेड भी उपलब्ध नहीं कर पा रही है।
लोकसभा अध्यक्ष एवं कोटा के सांसद ओम बिरला ने आॅक्सीजन लाइन के लिए पैसे दिए। वहां पर भाजपा के संसदीय दल ने रायशुमारी की, महिलाओं से मिले तो, उन्होंने चौकाने वाला बयान दिया कि हम दुनिया की किसी भी अदालत में इस सरकार के खिलाफ जा सकते हैं, हमारी कोख उजड़ी है, इसके बाद भी सरकार की संवेदना नहीं जागी। यह अफसोसजनक है, सरकार की कमेटी ने मौतों का कारण सामान्य इंफेक्शन बताया है, जबकि अधिक ठंड से बचने के संसाधन उस अस्पताल में बिल्कुल नहीं है, जिस पर सरकार पर्दा डाल रही है और सामान्य इन्फेक्शन बताकर इस मामले को रफा-दफा करना चाहती है।