ग्रामीणों ने बताया कि एक के बाद एक ग्रामीणों में बीमारी फैलती जा रही है। पहले हाथ-पैर दर्द उसके बाद तेजी से बुखार जकड़ रहा है। पीड़ित ग्रामीणों से जब पत्रिका ने बात की तो उन्होंने बताया कि वे इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जा रहे हैं, लेकिन कोई खास उपचार नहीं मिल पा रहा है। पिछले पंद्रह दिनों से यह शिकायत है। धीरे-धीरे पूरा गांव इसकी चपेट में आता जा रहा है। इस अज्ञात बीमारी के चलते गांव में दहशत का माहौल बना हुआ हैं। वही ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल में स्टॉफ भी मरीजो को सहयोग नहीं कर रहा है। स्टॉफ का मरीजों के प्रति रवैया भी ठीक नहीं है।
20 साल की रजनी ने दो दिन में तोड़ दिया दम गांव में फैली अज्ञात बीमारी से 20 वर्ष की छात्रा रजनी यालम की मौत हो गई। उसके परिजनों ने बताया कि उसे दो दिन पहले बुखार आया। पहले उसका इलाज तारलागुड़ा के उपस्वस्थ्य केंद्र में चला। उसके बाद भोपालपटनम लाया गया। यहां से बीजापुर भेजा गया फिर हालत बिगड़ी तो तेलंगाना के वारंगल ले जाया गया, लेकिन वहां भी रजनी की जान बच नहीं पाई। इसी तरह गांव के मुत्तेराव देवर चार दिन से बुखार व हाथ पैर में दर्द से जूझ रहे थे। इसके बाद उनकी भी मौत हो गई।
डेंगू के एक व टाइफाइड के दो मरीज मिले कोत्तूर गांव में आरिगेल सतीश डेंगू पॉजिटिव आया है, उसका इलाज तेलंगाना के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। वहीं इस गांव में कुरसम अमर, विश्वजीत यालम, टाइफाइड पॉजिटिव आए है इनका इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है।