मानव अधिकारों के लिए यह लोग अपना त्याग कर रहे है
गौरतलब है कि आयरलैंड अधिकार समूह फ्रंट लाइन डिफेंडर ने आदिवासी कार्यकर्ता सोनी जोखिम पर मानवाधिकार रक्षकों के 2018 की कैटेगरी में पुरस्कार पाने वाले पांच प्राप्तकर्ताओं में से एक है। फ्रंट लाइन डिफेंडर के कार्यकारी निदेशक एंड्रयू एंडरसन का कहना है कि मानवाधिकार रक्षक आज दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। मानव अधिकारों के लिए यह लोग अपना त्याग कर रहे हैं।
फिर से आदिवासियों की आवाज बनी
गौरतलब है कि पिछले दो साल से सोनी सोढ़ी कथित मुठभेड़ों और सुरक्षा बलों द्वारा किए गए यौन हिंसा के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करती रहीं है। उन्होंने माओवादी के खिलाफ भी समय समय भी मोर्चा खोला है। 2016 में, अज्ञात कुछ लोगों ने दंतेवाडा के करीब स्थित बास्तानार घाटी में उनके चेहरे पर कैमिकल अटैक कर दिया था। इसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया था। जहां से ठीक होने के बाद वे फिर से आदिवासियों की आवाज बनी, और उनके अधिकारों के लिए लड़ती रहीं है। मालूम हो कि यहा पुरस्कार सालाना उन मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को दिए जाते हैं, जिन्होंने अपने जीवन के जोखिमों के बावजूद कार्य जारी रखा है।
इन्हें भी मिला पुरस्कार
पुरस्कार के अन्य प्राप्तकर्ताओं में कुर्द पत्रकार और मानवाधिकार डिफेंडर नूरकन बेसल, अल्जीरियाई लीग ऑफ ह्यूमन राइट्स सदस्य और पत्रकार हसन बोरास, ग्वाटेमाला में इक्सक्विइस के सूक्ष्म क्षेत्र के शांतिपूर्ण प्रतिरोध और पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य में बने युवा आंदोलन लुचा, भ्रष्टाचार से लडऩे के लिए लिए दिया गया।