जांच रिपोर्ट में डेंगू पॉजीटिव
मेडिसिन विभाग के डॉ. खिलेश्वर सिंह ने बताया कि शनिवार को ५ वीं वाहिनी के जवान पी. महेश को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। डेंगू के लक्षण होने पर ब्लड जांच की गई, जिसमें रिपोर्ट पॉजीटिव आया। इसके बाद डॉक्टरों ने तत्काल इलाज शुरू कर दिए। अभी उसकी स्थिति ठीक है। इसी प्रकार बीजापुर से एक महिला को भर्ती किया गया। उसकी भी जांच रिपोर्ट डेंगू पॉजीटिव आया। डिलमिली पीएचसी की आया संगीता मजूमदार और जगदलपुर जेएनएम नर्सिंग की छात्र भी डेंगू से पीडि़त हो गई है। फिलहाल समय पर इलाज शुरू होने की वजह से चारों मरीजों की स्थिति ठीक है। वहीं जापानी बुखार के भी चार पॉजीटिव मरीजों का भी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।
जेई और डेंगू को रोकने चलेगा अभियान
जिले में लगातार जापानी बुखार और डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस मामले को लेकर मंगलवार को कलेक्टर डॉ. अय्याज तंबोली ने स्वच्छता के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने व उन्हें पनपने से रोकने के लिए जलभराव क्षेत्र से पानी को फेंकने और वहां पर दवा छिडक़ाव करने के लिए कहा। इसके लिए गांवों में स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग के मैदानी अमले व स्थानीय महिला स्वसहायता समूहों के सदस्यों की सहायता लेने के निर्देश दिए हैं।
साफ पानी में जेई, तो गंदे पानी में पनपते हैं डेंगू के मच्छर
सीएमएचओ डॉ. देवेंद्र नाग ने बताया कि साफ पानी में जापानी बुखार (जेई) और गंदे पानी में डेंगू के मच्छर पनपते है। बारिश के मौसम में जगह-जगह जल जमाव व गंदे पानी में एडीज इजिप्टी मच्छर पनपते है। वहीं साफ पानी के जमाव वाले क्षेत्र मेें क्यूलेक्स मच्छर पाया जाता है। इस मच्छर के कांटने पर जापानी बुखार होता है। दोनों ही बीमारी में समय पर इलाज शुरू न होने पर मरीज की मौत भी हो जाती है।
जानवरों में भी पॉजीटिव आया जेई का संक्रमण
बस्तर में बढ़ रहे जेई को रोकने के लिए पशुधन विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में बदख का भी ब्लड सैंपल लिया था। इसमें जिले के करका, मटकोट, नैनपुर व पौरवेल गांव के जानवरों जापानी बुखार का से संक्रमित मिले। ग्रामीणों को इन जानवरों से दूर रहने और मच्छरदानी लगाकर ही सोने के लिए जागरूक किया गया है। वहीं बाड़ा में भी मच्छरदानी लगाने के लिए भी कहा गया है। ताकि जानवरों में भी जेई संक्रमण न फैले।