ये है पूरा मामला
बूडऱई गांव में चार अगस्त को अंशो बाई के घर में चोरी हो गई थी। अंशो बाई ने मझौली थाने में किशन उर्फ पंगु यादव (32)की रिपोर्ट मझौली थाने में दर्ज कराई। दस अगस्त को पुलिस गांव पहूची और पूछताछ की बात कहकर किशन को थाने ले आई। पुलिस कर्मियों ने किशन के साथ बेरहमी से मारपीट की। मारपीट से किशन के पु_े, पैर बुरी तरह जख्मी हो गए। करीब दो सप्ताह तक किशन चल-फिर नहीं सका। इस बीच पुलिस पूछताछ के नाम पर किशन को लगातार थाने बुलवाकर पर परेशान करती रही। जिसके कारण वह परेशान हो गया।
आत्मग्लानि से था परेशान
बताया गया है कि किशन ने गुरूवार सुबह घर में जहर खा लिया। मुँह से झाग निकलता देख परिजन उसे मझौली हॉस्पिटल ले गए। हालत गम्भीर होने पर डॉक्टर ने उसे मेडिकल कॉलेज रैफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मझौली में दोपहर को पोस्टमार्टम के बाद किशन का शव जैसे ही गांव पहूँचा। भारी संख्या में ग्रामीणों का पुलिस पर आक्रोश फूट पड़ा। मृतक के पिता सुरेश यादव (56) और पत्नी सरिता यादव (28) के साथ ग्रामीणों के पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। आक्रोशित ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस की प्रताडऩा और बेरहमी से मारपीट किशन सहन नहीं कर सका। आत्मग्लानि के कारण उसने जहर खा लिया। बेरहमी से मारपीट करने वाले दोषी पुलिस वालों पर मामला दर्ज किया जाए।
कार्रवाई के आश्वासन पर माने ग्रामीण
दोपहर दो बजे से पुलिस ग्रामीणो और मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए मनाती रही, लेकिन ग्रामीण कार्यवाई की मांग पर अड़े रहे। शाम चार बजे ग्रामीण शव लेकर श्मशान घाट पर पहूँच गए, लेकिन फिर तनाव की स्थिति बन गई। ग्रामीण तत्काल कार्यवाई की मांग पर अड़ गए। आखरिकार शाम साढ़े पांच बजे मृतक किशन का अंतिम संस्कार हुआ।
इनका कहना है
थाने में युवक के साथ मारपीट करने के पूरे मामले जांच की जाएगी। साथ ही दोषी पुलिस कर्मियों के खि़लाफ़ कार्यवाई होगी। ग्रामीणों और परिजनों को आश्वासन के बाद मृतक का अंतिम संस्कार करने तैयार हुए।
भावना मरावी, एसडीपीओ सिहोरा