जबलपुरPublished: Apr 20, 2019 12:53:17 am
prashant gadgil
हाईकोर्ट ने आरोपी की अर्जी निरस्त कर कहा, बालाघाट जिले का मामला
mp high court
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने बालाघाट जिले में सरकारी कर्मी कोअधिकारी बनाने के नाम पर 8 लाख रुपए का चूना लगाने की आरोपित महिला को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। जस्टिस राजीव दुबे की कोर्ट ने कहा कि आरोपित पर लगाया गया इल्जाम गंभीर प्रकृति का है। लिहाजा उसे अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।
यह है मामला
बालाघाट जिले की बिरसा तहसील के मोहगांव की निवासी सायमा खान नाज पर आरोप है कि उसने खुद को पत्रकार व ऊंची पहुंचवाला बताते हुए शिकायतकर्ता बैरागसिंह टेकाम को असिस्टेंट प्रोजेक्ट एडमिनिस्ट्रेटर पद पर डेपुटेशन में पदस्थ कराने का लालच दिया। इसके एवज में उसने व उसके सहयोगी अरविंद चौधरी ने 6 जून 2017 को शिकायतकर्ता टेकाम से 8 लाख रुपए एेंठ लिए। शिकायत पर गढ़ी पुलिस थाने में भादंवि की धारा 420, 506 बी, 190/34 व एससीएसटी एट्रोसिटी प्रिवेंशन एक्ट के तहत दोनों आरोपितों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। निचली अदालत से उसकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। इसी मामले में गिर$फतारी से बचने के लिए आरोपित सायमा नाज ने यह अर्जी हाईकोर्ट में पेश की थी। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्जी निरस्त कर दी। याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता अक्षय नामदेव व सरकार का पक्ष पैनल लॉयर अभय गुप्ता ने रखा।